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गढ़वाल विवि ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट किया ऑनलाइन, छात्र-छात्राओं को मिलेगी सहूलियत

गढ़वाल विवि (Srinagar Garhwal University) ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पूर्व की कुछ तकनीकी दिक्कतों को भी दूर किया गया है, जिससे माइग्रेशन सर्टिफिकेट को लेकर छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

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Published : Jan 6, 2023, 12:50 PM IST

गढ़वाल विवि ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट किया ऑनलाइन

श्रीनगर: अब आपको माइग्रेशन सर्टिफिकेट ( Garhwal University Migration Certificate) पाने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. हेमवती नंदन बहुगुणा विवि (Hemvati Nandan Bahuguna University) श्रीनगर ने इसके लिए कदम आगे बढ़ा दिए हैं. जिससे छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन ही माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिल पाएगा. एक क्लिक में ही पूरी जानकारी आपके सामने होगी, जिसकी कवायद विवि प्रशासन ने शुरू भी कर दी है.

ऑनलाइन किया गया माइग्रेशन सर्टिफिकेट: गौर हो कि गढ़वाल विवि (Srinagar Garhwal University) ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट (प्रवासन प्रमाण पत्र) को ऑनलाइन (migration certificate online) कर दिया है. अब कंप्यूटर पर एक क्लिक करते ही माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिल जाएगा. साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से तत्काल प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी भी छात्र-छात्राओं के पते पर भेज दी जाएगी. फिलहाल वर्ष 2015-16 (सीबीसीएस) के बाद के छात्र- छात्राओं के लिए यह सुविधा लागू हुई है. विवि की योजना वर्ष 2003 तक का डाटा ऑनलाइन करने की है. गढ़वाल विवि के प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट और कुलसचिव डॉ. अजय खंडूड़ी ने ऑनलाइन माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्रक्रिया का उद्घाटन किया.
पढ़ें-गढ़वाल विवि के सांख्यिकी विभाग में घुसा कोबरा, कर्मचारियों की अटकी सांसें

छात्र-छात्राओं को मिलेगी सहूलियत: इस मौके पर चार छात्र-छात्राओं को माइग्रेशन सर्टिफिकेट दिए गए. बताया गया कि प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन होने से छात्र-छात्राओं सहित स्टाफ का समय बर्बाद नहीं होगा. सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम) लागू होने के बाद के छात्र-छात्राओं का डाटा कंप्यूटर में अपलोड किया गया है. अब छात्रों को कंप्यूटराइज्ड प्रमाणपत्र मिल जाएगा. इसके लिए उन्हें मार्कशीट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्टाफ को भी फाइलों में उसका रिकॉर्ड नहीं खंगालना पड़ेगा.
पढ़ें-गढ़वाल विवि में हुई एचएनबीजीयू फ्रेश की लॉन्चिंग, जानिए क्या है खासियत

विवि ने दिक्कतों को किया दूर: गढ़वाल विवि की ओर से आंशिक तौर पर पूर्व में माइग्रेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया था. लेकिन कई विश्वविद्यालय इसे वैध नहीं मान रहे थे. इसे देखते हुए विवि ने इसमें कुछ बदलाव किए हैं. कुलसचिव डॉ अजय खंडूड़ी ने बताया कि डिजिटल साइन न होने की वजह से यह दिक्कत आ रही थी. अब छात्र की ओर से ऑनलाइन आवेदन करने पर तत्काल उसका कंप्यूटराइज्ड सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जाएगा. इस पर हस्ताक्षर करने के बाद अभ्यर्थी के पते पर पोस्ट कर दिया जाएगा.

गढ़वाल विवि ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट किया ऑनलाइन

श्रीनगर: अब आपको माइग्रेशन सर्टिफिकेट ( Garhwal University Migration Certificate) पाने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. हेमवती नंदन बहुगुणा विवि (Hemvati Nandan Bahuguna University) श्रीनगर ने इसके लिए कदम आगे बढ़ा दिए हैं. जिससे छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन ही माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिल पाएगा. एक क्लिक में ही पूरी जानकारी आपके सामने होगी, जिसकी कवायद विवि प्रशासन ने शुरू भी कर दी है.

ऑनलाइन किया गया माइग्रेशन सर्टिफिकेट: गौर हो कि गढ़वाल विवि (Srinagar Garhwal University) ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट (प्रवासन प्रमाण पत्र) को ऑनलाइन (migration certificate online) कर दिया है. अब कंप्यूटर पर एक क्लिक करते ही माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिल जाएगा. साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से तत्काल प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी भी छात्र-छात्राओं के पते पर भेज दी जाएगी. फिलहाल वर्ष 2015-16 (सीबीसीएस) के बाद के छात्र- छात्राओं के लिए यह सुविधा लागू हुई है. विवि की योजना वर्ष 2003 तक का डाटा ऑनलाइन करने की है. गढ़वाल विवि के प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट और कुलसचिव डॉ. अजय खंडूड़ी ने ऑनलाइन माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्रक्रिया का उद्घाटन किया.
पढ़ें-गढ़वाल विवि के सांख्यिकी विभाग में घुसा कोबरा, कर्मचारियों की अटकी सांसें

छात्र-छात्राओं को मिलेगी सहूलियत: इस मौके पर चार छात्र-छात्राओं को माइग्रेशन सर्टिफिकेट दिए गए. बताया गया कि प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन होने से छात्र-छात्राओं सहित स्टाफ का समय बर्बाद नहीं होगा. सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम) लागू होने के बाद के छात्र-छात्राओं का डाटा कंप्यूटर में अपलोड किया गया है. अब छात्रों को कंप्यूटराइज्ड प्रमाणपत्र मिल जाएगा. इसके लिए उन्हें मार्कशीट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्टाफ को भी फाइलों में उसका रिकॉर्ड नहीं खंगालना पड़ेगा.
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विवि ने दिक्कतों को किया दूर: गढ़वाल विवि की ओर से आंशिक तौर पर पूर्व में माइग्रेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया था. लेकिन कई विश्वविद्यालय इसे वैध नहीं मान रहे थे. इसे देखते हुए विवि ने इसमें कुछ बदलाव किए हैं. कुलसचिव डॉ अजय खंडूड़ी ने बताया कि डिजिटल साइन न होने की वजह से यह दिक्कत आ रही थी. अब छात्र की ओर से ऑनलाइन आवेदन करने पर तत्काल उसका कंप्यूटराइज्ड सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जाएगा. इस पर हस्ताक्षर करने के बाद अभ्यर्थी के पते पर पोस्ट कर दिया जाएगा.

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