कोटद्वार: पिछले एक साल में कोटद्वार तहसील में चार उप जिलाधिकारियों का तबादला हुआ है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है. तबादले से स्थानीय लोगों में नाराजगी देखने को भी मिल रही है. लोगों का आरोप है कि लगातार उप जिलाधिकारी के तबादले के पीछे भूमाफिया और ऊंचा रसूख रखने वालों का हाथ है. ऐसे में नगर के सभी विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं.
वहीं, स्थानीय निवासियों द्वारा एक साल में चार उप जिलाधिकारियों के तबादले का कारण अवैध कारोबार करने वालों की ऊंची राजनीति पहुंच होना बताया जा रहा है.
स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि जबतक एक उप जिलाधिकारी कोटद्वार तहसील क्षेत्र की परिस्थितियों को समझने की कोशिश करता है. तब तक खनन माफिया, भूमाफिया और शराब माफिया और ऊंची राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोग उनका ट्रांसफर करवा देते हैं. जिसका खामियाजा कोटद्वार की जनता को भुगतना पड़ता है. कोटद्वार उप जिलाधिकारी के पास नगर आयुक्त का अतिरिक्त पदभार भी होता है. जिस कारण नगर निगम के विकास कार्य भी ठप पड़े रहते हैं.
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वहीं, पार्षद नईम अहमद का भी कहना है कोटद्वार तहसील के उप जिलाधिकारियों का लगातार तबादला होने से नगर निगम के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, सड़कों का टेंडर रुके हुए हैं. क्षेत्र की जनता को भारी परेशानी हो रही है.
उपजिलाधिकारियों के कार्यकाल
- राकेश चंद तिवारी 28 सितंबर 2016 से 6 जुलाई 2018 तक
- कमलेश मेहता 7 जुलाई 2018 से 16 जनवरी 2019 तक
- अनिल चन्याल 16 जनवरी 2019 से 26 फरवरी 2019 तक
- मनीष कुमार सिंह 27 फरवरी 2019 से 29 जुलाई 2019 तक
- योगेश मेहता 30 जुलाई 2019