श्रीनगरः राजकीय संयुक्त उप जिला अस्पताल श्रीनगर में दो डॉक्टरों के ओपीडी संबंधी विवाद की जांच चार सदस्यीय कमेटी को सौंप दी गई है. अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर नीरज राय ने जांच कमेटी का गठन किया है. जिसे एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित और सहज रूप में संचालन होना अनिवार्य है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विवाद का स्थायी समाधान सामने आएगा.
दरअसल, राजकीय संयुक्त उप जिला अस्पताल श्रीनगर में सेवारत ईएमओ (आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी) और जीडीएमओ (सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारी) ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) में एक ही कक्ष में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. बीते दिसंबर 2022 में ओपीडी लिए जाने को लेकर एक विवाद सामने आया था. अस्पताल प्रशासन ने ईएमओ को ओपीडी से हटाते हुए वापस आकस्मिक सेवा विभाग में भेज दिया था. तब विरोध स्वरूप ईएमओ ने अस्पताल के बाहर बैंच पर बैठकर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया था.
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स्थानीय लोगों ने जीडीएमओ के ओपीडी लेने और कक्ष के बाहर और आवास पर एमडी फिजिशियन का बोर्ड लगाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी. मामला कुछ समय बाद शांत हो गया था. संयुक्त अस्पताल में नियमित सीएमएस की नियुक्ति के बाद विवाद के स्थायी समाधान को लेकर चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. जिसे एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मुहैया कराने को कहा गया है.
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वहीं, संयुक्त अस्पताल के सीएमएस नीरज राय ने बताया कि डॉक्टरों के ओपीडी संबंधी विवाद की जांच के लिए वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ गोविंद पुजारी, वरिष्ठ सर्जन लोकेश सलूजा, फिजिशियन सुरेश कोठियाल और हेमापाल बुटोला की चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. कमेटी को व्यावहारिक और चिकित्सा मानकों के तहत स्पष्ट संस्तुति के साथ रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि विवाद का जल्द ही स्थायी समाधान सबके सामने होगा, जो अस्पताल की बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की दिशा में अहम कदम साबित होगा.