श्रीनगर: गढ़वाल वन प्रभाग के नागदेव रेंज में भैंसकोट गांव के समीप श्रीनगर-खिर्सू मोटर मार्ग पर एक गुलदार स्कवर में छुप गया. पूर्व प्रधान की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और विभाग ने देर रात स्कवर में छिपे गुलदार को रेस्क्यू कर लिया. जिसे विभाग की टीम रेंज मुख्यालय पौड़ी लेकर रवाना हो गई है.
गुलदार के स्कवर में छिपने की घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल बना रहा. क्षेत्र में भटोली, ढिकाल गांव, देवलगढ़ सहित आसपास के गांवों में लगातार गुलदार की धमक देखी जा रही थी. बताया जा रहा है कि स्कवर एक ओर से घनी झाड़ियों से ढका हुआ था. जिससे गुलदार दिनभर स्कवर में ही दुपका रहा. गांव के पूर्व प्रधान रणवीर लाल ने घटना की सूचना वन विभाग को दी. जिसके बाद वन विभाग की टीम ढिकाल गांव से पिंजरा लेकर भैंसकोट पहुंची. जहां टीम ने गुलदार को काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया. गौरतलब है कि ढिकाल गांव में बीते 5 सितंबर को घर के समीप दादी का हाथ पकड़कर खड़ी चार वर्षीय आयसा पर गुलदार ने हमला कर दिया था.
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दादी ने संघर्ष कर गुलदार से पोती को छुड़ा लिया था, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थी. जिसके बाद वन विभाग की तीन टीमें गांव में तैनात थी. ढिकाल गांव सहित आसपास के गांवों में दहशत के पर्याय बन चुके गुलदार ने बीते 11 सितंबर की रात्रि में गश्त कर रही वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया था. विभाग की टीम ने आत्मरक्षा में गुलदार को मार गिराया था. उसके बाद बीते 25 सितंबर की शाम करीब साढ़े सात बजे भटोली गांव में घर के बरामदे में पढ़ाई कर रहे सात वर्षीय प्रिंस पर गुलदार ने हमला कर दिया था. उसकी 10 वर्षीय बहन आराधना ने भाई को पकड़कर घर के अंदर धकेल दिया था.
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जिसके बाद परिजनों व ग्रामीणों के आने पर गुलदार भाग गया था. इसके बाद बीते 4 अक्टूबर को देवलगढ़ में शाम करीब साढ़े चार बजे एक गुलदार घूमता पाया गया. जिसका वीडियो एक ग्रामीण ने मोबाइल पर कैद कर लिया था. जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुआ. वहीं डीएफओ गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि भैंसकोट गांव में स्कवर के अंदर छिपे गुलदार को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर लिया है. साथ ही लोगों को सतर्क रहने को कहा.