पौड़ी: रिखणीखाल और नैनीडांडा में 15 दिन बीत जाने के बाद भी क्षेत्र में बाघ की दहशत बरकरार है. हालांकि, वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बाघ को पिंजरे में कैद कर लिया, लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों में दो बाघ सक्रिय है. वहीं, वन विभाग ने ग्रामीणों को अभी भी एहतियात बरतने को कहा है.
पौड़ी जिले के रिखणीखाल और नैनीडांडा क्षेत्र में अभी भी बाघ का आतंक बरकरार है. हालांकि, वन विभाग ने एक बाघ को पिंजरे में कैद कर लिया है. जबकि अभी भी इन क्षेत्रों में दो बाघ सक्रिय है. ऐसे में वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की है. इसके साथ ही नैनीडांडा और रिखणीखाल क्षेत्र में रात्रि कर्फ्यू जारी है. गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने वन विभाग को पहले से अधिक गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
बाघ की चहलकदमी को देखते हुए धुमाकोट और रिखणीखाल तहसील के दो दर्जन गांवों के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में गुरुवार और शुक्रवार को भी अवकाश घोषित किया गया है. इन स्कूलों को दो दिनों तक बंद रखने के लिए डीएम में आदेश जारी किए हैं. डीएफओ गढ़वाल स्वपनिल अनिरुद्ध ने बताया कि वन विभाग की टीमें पहले की तरह की गश्त करती रहेंगी. इसमें कोई ढिलाई नहीं की जाएगी. रिखणीखाल क्षेत्र में कैमरे में दो बाघ और नैनीडांडा में एक बाघ ट्रैप हुआ है.
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रिखणीखाल में पकड़ा गया बाघ: वन विभाग की टीम ने रिखणीखाल में एक बाघ को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है, लेकिन अभी क्षेत्र में दो और बाघों की सक्रियता बनी हुई है. इन बाघों को पकड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच बीते दो-दिनों से बाघ वन महकमे के लाइव और ट्रैपिंग कैमरों में नहीं दिखाई दिया था, लेकिन ग्रामीणों ने बाघ के दिखाई देने की बात कही थी. दोनों ही प्रभावित क्षेत्रों में गढ़वाल वन प्रभाग के साथ ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व और लैंसडाउन वन प्रभाग की टीमें बनी हुई है. इस बीच यहां एक वन क्षेत्राधिकारी की अतिरिक्त तैनाती करने सहित पशु चिकित्सकों की टीमें भी अलग से तैनाती की गई थी.
इन स्कूलों में रहेगा अवकाश: डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान द्वारा जारी आदेशानुसार धुमाकोट के भेड़गांव, ख्यूणांई तल्ली, ख्यूणांई मल्ली, ख्यूणांई बिचली, उम्टा, सिमली तल्ली व सिमली मल्ली, चमाड़ा, घोडकंद तल्ला व घोडकंद मल्ला, कांडी तल्ली व कांडी मल्ली, मंदियार गांव, खड़ेत, गूम, बेलम में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे. इसके साथ ही रिखणीखाल क्षेत्र के डल्ला, मेलधार, क्वीराली, तोल्यू, गाडियूं, जुई, द्वारी, कांडा, कोटड़ी, द्वारी में शुक्रवार 28 अप्रैल को भी अवकाश दिया गया है.
15 दिनों से स्कूल बंद: बाघ प्रभावित क्षेत्रों में करीब 15 दिनों से स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटके हुए हैं. धुमाकोट और रिखणीखाल में बाघ द्वारा दो लोगों को निवाला बनाए जाने का सबसे बड़ा नुकसान स्कूली बच्चों को भुगतना पड़ा. इन क्षेत्रों में 16 अप्रैल से ही स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया, जो शुक्रवार को भी जारी रहेगा. वहीं बाघ को शीघ्र ही नहीं पकड़ा गया तो अवकाश और बढ़ाया जा सकता है. पौड़ी के धुमाकोट और रिखणीखाल क्षेत्र में बाघ के आतंक को देखते हुए गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने वन विभाग को क्षेत्र में गश्त और टीम को मुस्तैद रहने को कहा है. उन्होंने कहा बाघ के हमले में किसी भी ग्रामीण को क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए.