श्रीनगर: अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder case) के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा अंकिता के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के लिए क्राउड फंडिंग की जा रही (crowd funding in name of Ankita) है. सोशल मीडिया पर तरह तरह की पोस्ट शेयर की जा रही हैं. जिसमें किसी ने 20 लाख इकट्ठा करने का टारगेट बनाया है तो कोई परिजनों को केस लड़ने के लिए आर्थिक सहायता मांग रहा है. लोग इन अकाउंट नंबरों पर पैसा डोनेट कर रहे हैं. वहीं पूरे प्रक्ररण पर अंकिता के पिता का कहना है कि उन्होंने किसी को न ही पैसा डोनेट करने को कहा है और न ही किसी को अपना बैंक डिटेल दिया है. इसके साथ ही किसी ने क्राउड फंडिंग की कोई सूचना उन्हें नहीं दी है.
अंकिता के पिता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि उन्हें पैसों की नहीं, न्याय की आवश्यकता है. उन्होंने जनता से अंकिता की न्याय की लड़ाई में साथ देने की अपील की है, न कि सोशल मीडिया पर पैसा डोनेट करने की. वहीं दूसरी ओर अंकिता की मां की तबीयत में भी अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. डॉक्टरों की टीम दिन में दो बार अंकिता की मां की जांच कर रही है.
वहीं, दूसरी तरह पौडी जिले के एसएसपी यशवंत सिंह चौहान का कहना है कि उनके संज्ञान में भी आया है कि क्राउड फंडिंग की जा रही है, जबकि अंकिता के परिजनों को इस बात की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह की फंडिंग के जरिये इस घटना का दुरुप्रयोग करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा इस तरह के कार्य करने वाले लोगो पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थिति वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. वनंत्रा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर गलत काम करने का दबाव बनाया था, जिसके लिए अंकिता भंडारी ने मना कर दिया था. साथ ही नौकरी छोड़ने का मन बना लिया था.
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पुलकित आर्य को डर था कि नौकरी छोड़ने के बाद अंकिता उसके राज का पर्दाफाश कर देगी. इसी डर से पुलकित ने अपने दो मैनेजरों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर 18 सितंबर को अंकिता भंडारी चीला नहर में धक्का देकर मार दिया था. अंकिता का शव पुलिस ने 24 सितंबर को बरामद किया था. अभी तीनों आरोपी जेल में बंद है.
अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा उत्तराखंड सड़कों पर उतर गया था. अभी भी उसको इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपन चलाया जा रहा है. वहीं कुछ ठग अंकिता भंडारी की मौत का इमोशनल फायदा उठाकर क्राउड फंडिंग कर रहे है और अपनी जेब भरने का काम कर रहे है. जबकि अंकिता का माता-पिता के तरह से ऐसी कोई अपील नहीं की गई है.