श्रीनगर: केंद्र सरकार ने भले ही नए साल पर संशोधन कर वन रैंक वन पेंशन-2 (ओआरओपी) को लागू कर दिया हो, बावजूद इसके पूर्व सैनिकों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है. पूर्व सैनिकों का आक्रोश केंद्र सरकार के खिलाफ बढ़ाता ही जा रहा है. पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन-2 में अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं. पौड़ी जिले के श्रीनगर में शनिवार एक अप्रैल को वन रैंक वन पेंशन-2 के खिलाफ गौरव सेनानी एसोसिएशन उत्तराखंड के बैनर तले बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने विरोध प्रदर्शन किया.
गौरव सेनानी एसोसिएशन उत्तराखंड के बैनर तले पूर्व सैनिकों ने आक्रोश रैली निकालकर बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. गौरव सेनानी एसोसिएशन उत्तराखंड के अध्यक्ष महावीर सिंह राणा ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. बैठक में गौरव सेनानी एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रवक्ता खुशाल सिंह परिहार ने विस्तार से पूर्व सैनिकों ओआरओपी, मिलिट्री सर्विस पे और पेंशन से संबंधित विसंगतियों के बारे में जानकारी दी.
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गौरव सेनानी एसोसिएशन उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने प्रशासन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया है. गौरव सेनानी एसोसिएशन उत्तराखंड के पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड एक सैनिक बहुल्य क्षेत्र है. यहां हर एक परिवार का कोई न कोई सदस्य देश की सेवा में खड़ा है, लेकिन आज देश भर के पूर्व सैनिकों में ओआरओपी-2 को लेकर जीसीओ एवं जवानों के साथ बड़ा भेदभाव हुआ है, जिससे पूर्व सैनिकों में रोष व्याप्त है.
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनवर सिंह रौथाण ने कहा कि रैंक के अनुसार पेंशन का फिक्सेशन नहीं किया गया है. साथ ही मिलिट्री सर्विस पे (एमएसपी) में भी जवानों के साथ धोखा हुआ है. ओरआरेपी-2 में स्वैच्छिक सेवानिवृत हुए पूर्व सैनिकों को भी नजरअंदाज किया गया है. यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो गौरव सेनानी एसोसिएशन उत्तराखंड प्रदेश के हर जिले में जाकर पूर्व सैनिक जागरूक करेगी.