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निर्माणाधीन हाथी सुरक्षा दीवार की गुणवत्ता पर लोगों ने उठाए सवाल - कोटद्वार में हाथी सुरक्षा दीवार बन रही है

स्थानीय निवासियों की मांग पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के निर्देशों पर वन विभाग के द्वारा हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन वन विभाग के ठेकेदार के द्वारा हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण घटिया निर्माण सामग्री से किया जा रहा है.

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हाथी सुरक्षा दीवार
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Published : Apr 23, 2021, 10:02 AM IST

Updated : Apr 23, 2021, 10:43 AM IST

कोटद्वार: गुलरझाला बीट में बन रही हाथी सुरक्षा दीवार बनने से पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है. हाथी सुरक्षा दीवार के निर्माण में ठेकेदार के द्वारा घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों में रोष है.

बता दें कि, लैंसडाउन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के गुलरझाला बीट में वार्ड नंबर-34 के उदयरामपुर नयाबाद क्षेत्र में पिछले लंबे समय से जंगली जानवरों का आतंक बना रहा है. स्थानीय निवासियों की मांग पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के निर्देशों पर वन विभाग के द्वारा हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन वन विभाग के ठेकेदार के द्वारा हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण घटिया निर्माण सामग्री से किया जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो आने वाली बरसात में यह दीवार बारिश की भेंट चढ़ जाएगी.

लोगों का कहना है कि इस हाथी सुरक्षा दीवार के निर्माण के दौरान कोई भी तकनीकी कर्मचारी और अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं रहता है. जिस कारण ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है. वार्ड नंबर-34 के पार्षद विवेक शाह ने बताया कि उनके द्वारा इस संबंध में ठेकेदार को भी हाथी सुरक्षा दीवार निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा गया, लेकिन हालत जस के तस हैं.

पढ़ें: SC ने कोविड-19 को बताया नेशनल इमरजेंसी, वेदांता की याचिका पर आज सुनवाई

स्थानीय निवासियों का कहना है कि ठेकेदार के द्वारा हाथी सुरक्षा दीवार के निर्माण में घटिया पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है. जोकि अधिक बारिश में टूटना शुरू हो जाता है. वही निर्माण में मिट्टी युक्त रेत बजरी का भी उपयोग किया जा रहा है.

कोटद्वार: गुलरझाला बीट में बन रही हाथी सुरक्षा दीवार बनने से पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है. हाथी सुरक्षा दीवार के निर्माण में ठेकेदार के द्वारा घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों में रोष है.

बता दें कि, लैंसडाउन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के गुलरझाला बीट में वार्ड नंबर-34 के उदयरामपुर नयाबाद क्षेत्र में पिछले लंबे समय से जंगली जानवरों का आतंक बना रहा है. स्थानीय निवासियों की मांग पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के निर्देशों पर वन विभाग के द्वारा हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन वन विभाग के ठेकेदार के द्वारा हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण घटिया निर्माण सामग्री से किया जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो आने वाली बरसात में यह दीवार बारिश की भेंट चढ़ जाएगी.

लोगों का कहना है कि इस हाथी सुरक्षा दीवार के निर्माण के दौरान कोई भी तकनीकी कर्मचारी और अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं रहता है. जिस कारण ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है. वार्ड नंबर-34 के पार्षद विवेक शाह ने बताया कि उनके द्वारा इस संबंध में ठेकेदार को भी हाथी सुरक्षा दीवार निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा गया, लेकिन हालत जस के तस हैं.

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स्थानीय निवासियों का कहना है कि ठेकेदार के द्वारा हाथी सुरक्षा दीवार के निर्माण में घटिया पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है. जोकि अधिक बारिश में टूटना शुरू हो जाता है. वही निर्माण में मिट्टी युक्त रेत बजरी का भी उपयोग किया जा रहा है.

Last Updated : Apr 23, 2021, 10:43 AM IST
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