श्रीनगर: देवप्रयाग से सटे गांवों की पेयजल लाइन भारी बारिश से आए मलबे से ध्वस्त (water line demolished) हो गई, जिससे पिछले नौ दिनों से ग्रामीण पानी की भारी किल्लत (Devprayag drinking water problem) झेलने को मजबूर हैं. जल संस्थान (Devprayag Jal Sansthan) द्वारा पेयजल आपूर्ति सुचारू किए जाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. ग्रामीणों ने जल संस्थान से जल्द पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है.
देवप्रयाग के निकटवर्ती कोटी, भटकोट, तुनगी, भ्विट, दनसाड गांवों में पिछले आठ दिनों से पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप होने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. इन गांवों की जलापूर्ति नवनिर्मित मुनेठ कांडाधार पेयजल योजना से होती है. ग्रामीणों के अनुसार यहां काटल गदेरे के समीप पंपिंग योजना की लाइन भारी बरसात से आए मलबे से ध्वस्त हो गई थी, जिसके बाद यहां आधा दर्जन गांवों की जलापूर्ति पूरी तरह ठप पड़ गई. ग्रामीण यहां पुराने स्रोतों से पानी ढोने को मजबूर बने हैं. स्रोत तक जाने वाले रास्तों में बरसात से उगी झाड़ियों के कारण जंगली जानवरों का भय भी उनमें लगातार बना हुआ है.
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ग्राम प्रधान कोटी आभा कोटियाल, प्रधान तुनगी अरविंद जियाल, प्रधान भटकोट आरती देवी के अनुसार पेयजल आपूर्ति बंद होने से ग्रामीण परेशान हैं. कहा कि जल संस्थान को जल्द पेयजल व्यवस्था सुचारू करनी चाहिए. पेयजल समस्या से आए दिन ग्रामीणों को दो-चार होना पड़ रहा है. साथ ही रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. जल संस्थान के अधिशासी अभियंता (Jal Sansthan Executive Engineer) नरेशपाल सिंह के अनुसार बरसाती मलबे से पेयजल योजना की पाइप लाइन ध्वस्त हो गई है. जल्द पाइपलाइन दुरुस्त कर गांवों में पेयजल समस्या को दूर किया जाएगा.