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मीलों दूर से सिर पर पानी ढोने को मजबूर बुजुर्ग, प्रशासन नहीं ले रहा सुध - प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

कोटद्वार के बिल्टिया गांव में रहने वाले लगभग 30 परिवार बीते 3 सालों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. प्रशासन इनकी परेशानियों को अनदेखा कर चैन की नींद सो रहा है.

मीलों दूर से सिर पर पानी ढोने को मजबूर बुजुर्ग.
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Published : Sep 30, 2019, 2:30 PM IST

कोटद्वार: सूबे में सरकार भले ही मूलभूत सुविधाओं के लाख दावे पेश करती हो, लेकिन विकास की धारा अभी भी कई गांवों से कोसों दूर है. ताजा मामला पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के बिल्टिया गांव का है, जहां बीते तीन सालों से पेयजल की समस्या बनी हुई है. हालात ये है कि बुजुर्गों को एक किलोमीटर की चढ़ाई पार करके सिर पर पानी ढोना पड़ता है. कई बार स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जल संस्थान से लेकर स्थानीय विधायक से की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के बिल्टिया गांव में रहने वाले लगभग 30 परिवार बीते 3 सालों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि साल 1993 में बड़गांव के प्राकृतिक स्रोत तरगढ़ से पेयजल योजना बनाई गई थी, जिसके कुछ सालों बाद तक सुचारू रूप से पेयजल की आपूर्ति होती रही. लेकिन, उसके बाद गांव में पेयजल की समस्या दिनों दिन बढ़ती गई. राज्य निर्माण के बाद साल 2006-07 में एक बार फिर स्वजल परियोजना के तहत योजना का पुनर्गठन किया गया, लेकिन साल 2017 में आई आपदा के बाद स्थिति पहले की तरह हो गई. ताजा हालात ये हैं कि ग्रामीणों को अब बिजुरधार स्थित गधेरे से पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है.

मीलों दूर से सिर पर पानी ढोने को मजबूर बुजुर्ग.

वहीं, एक किलोमीटर की चढ़ाई पार कर पानी लाती 75 वर्षीय जम्मूतवी देवी ने बताया कि उम्र के इस पड़ाव में रोजाना सुबह-शाम पानी लाना पड़ता है, जिससे उनकी सांस फूल जाती है. जनप्रतिनिधियों से इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गुहार भी लगाई गई है, लेकिन उनकी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है.

ये भी पढ़ें: स्टिंग मामला: हरीश रावत का आरोप- देश के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर काम कर रही CBI

ग्रामीणों ने बताया कि नहाने और कपड़े धोने के लिए रोजाना झाड़ियों और पथरीले रास्तों से आना जाना पड़ता है. बच्चों के साथ कोई अनहोनी न हो जाए, इसका भी हमेशा डर लगा रहता है. गांव में केवल बुजुर्ग और बच्चे हैं.

वहीं, पूरे मामले पर लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने बताया कि निश्चित ही पानी की कमी है. बारिश में पानी की लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिस कारण पानी की कमी हो गई होगी. साथ ही जल्द अधिकारियों को निर्देशित कर समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.

कोटद्वार: सूबे में सरकार भले ही मूलभूत सुविधाओं के लाख दावे पेश करती हो, लेकिन विकास की धारा अभी भी कई गांवों से कोसों दूर है. ताजा मामला पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के बिल्टिया गांव का है, जहां बीते तीन सालों से पेयजल की समस्या बनी हुई है. हालात ये है कि बुजुर्गों को एक किलोमीटर की चढ़ाई पार करके सिर पर पानी ढोना पड़ता है. कई बार स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जल संस्थान से लेकर स्थानीय विधायक से की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के बिल्टिया गांव में रहने वाले लगभग 30 परिवार बीते 3 सालों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि साल 1993 में बड़गांव के प्राकृतिक स्रोत तरगढ़ से पेयजल योजना बनाई गई थी, जिसके कुछ सालों बाद तक सुचारू रूप से पेयजल की आपूर्ति होती रही. लेकिन, उसके बाद गांव में पेयजल की समस्या दिनों दिन बढ़ती गई. राज्य निर्माण के बाद साल 2006-07 में एक बार फिर स्वजल परियोजना के तहत योजना का पुनर्गठन किया गया, लेकिन साल 2017 में आई आपदा के बाद स्थिति पहले की तरह हो गई. ताजा हालात ये हैं कि ग्रामीणों को अब बिजुरधार स्थित गधेरे से पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है.

मीलों दूर से सिर पर पानी ढोने को मजबूर बुजुर्ग.

वहीं, एक किलोमीटर की चढ़ाई पार कर पानी लाती 75 वर्षीय जम्मूतवी देवी ने बताया कि उम्र के इस पड़ाव में रोजाना सुबह-शाम पानी लाना पड़ता है, जिससे उनकी सांस फूल जाती है. जनप्रतिनिधियों से इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गुहार भी लगाई गई है, लेकिन उनकी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है.

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ग्रामीणों ने बताया कि नहाने और कपड़े धोने के लिए रोजाना झाड़ियों और पथरीले रास्तों से आना जाना पड़ता है. बच्चों के साथ कोई अनहोनी न हो जाए, इसका भी हमेशा डर लगा रहता है. गांव में केवल बुजुर्ग और बच्चे हैं.

वहीं, पूरे मामले पर लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने बताया कि निश्चित ही पानी की कमी है. बारिश में पानी की लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिस कारण पानी की कमी हो गई होगी. साथ ही जल्द अधिकारियों को निर्देशित कर समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.

Intro:summary विकास की राह पर दौड़ते उत्तराखंड की तस्वीर अक्सर टीवी चैनलों के विज्ञापन और अखबारों के मुख्य पृष्ठों पर दिखाई देता है, तो इस बात का एहसास होता है कि सरकार के नजरिए से उत्तराखंड के विकास की राह पर फल फूल रहा है लेकिन विकास की तस्वीरों को अगर विकास की नजरिये से ढूंढा जाए तो तस्वीर बहुत धुंदली नजर आती है। आज भी दर्जनों गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।

intro kotdwar पौडी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के बिल्टिया गांव में विगत 3 सालों से पेयजल की समस्या बनी हुई, बुजुर्गों को 1 किलोमीटर की चढ़ाई पार कर सिर पर पानी ढोने को मजबूर होना पड़ता है, कई बार स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जल संस्थान से लेकर स्थानीय विधायक से की लेकिन किसी ने भी उनकी एक न सुनी।




Body:वीओ1- पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के बिल्टिया गांव में रहने वाले करीब 30 परिवार गत 3 सालों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे, ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 1993 बड़गांव के प्राकृतिक स्रोत से तरगढ़ से पेयजल योजना बनाई गई थी, कुछ सालों तक सुचारू रूप से पेयजल की आपूर्ति होती रही, लेकिन उसके बाद गांव में पेयजल की समस्या पहले की तरह हो गई, राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2006-07 में एक बार फिर स्वजल परियोजना के तहत योजना का पुनर्गठन किया गया, लेकिन वर्ष 2017 में आई आपदा के बाद स्तिथि पूर्व की भांति हो गई, अब ग्रामीणों को भी बिजुरधार स्थित गधेरे से पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है, सही रखरखाव न होने और सरकारी सिस्टम व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण ग्रामीणों को 1 किलोमीटर दूर से पानी ढोने को मजबूर होना पड़ रहा है पीने का पानी ना होने कारण कई ग्रामीण पलायन कर चुके हैं, चढ़ाई पर पानी से भरे बर्तन को सिर पर रखकर चलती 75 वर्षीय जम्मूतवी देवी का कहना है कि उम्र के इस पड़ाव में रोजाना सुबह-शाम पानी लाना पड़ता है जिससे कि सांस फूल जाती है जनप्रतिनिधियों से इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गुहार भी लगाई गई मगर किसी ने ना सुनी। ग्रामीणों ने कहा कि नहाने व कपड़े धोने के लिए रोजाना झाड़ियों से भरे रास्ते व पथरीले रास्तों से आना जाना पड़ता है बच्चों के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए इसका भी हमेशा डर लगा रहता है गांव में केवल महिला बुजुर्ग और बच्चे हैं।
बाइट जमोत्री देवी
बाइट पंकज सिंह

वीओ2- वहीं पूरे मामले पर जब लैंसडौन विधायक दिलीप रावत को ग्रामीणों की समस्या से अवगत कराया गया तो उनका कहना है कि निश्चित ही पानी की कमी तो है हो सकता की बरसात में पानी की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई होगी जिस कारण पानी की कमी हो गई होगी, इसे अधिकारियों को निर्देशित कर समस्या से जल्द ही निजात दिलवा दिया जाएगा।
बाइट दलीप रावत विधायक


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