कोटद्वार: प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बदहाल है. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. जिससे लोगों को बेहतर इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है. वहीं तीन विधानसभा क्षेत्रों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले सतपुली राजकीय संयुक्त चिकित्सालय रेफर सेंटर बन कर रह गया है. जहां साल 2016 में अस्पताल तो बन गया, लेकिन डॉक्टरों के पर्याप्त पद नहीं भरे गए. वर्तमान में अस्पताल में दो ही डॉक्टर तैनात है. क्षेत्रवासी लंबे समय से डॉक्टरों की तैनाती की मांग कर रहे हैं.
जिले के सतपुली में राजकीय संयुक्त चिकित्सालय को बने कई सालों हो गए. लेकिन वर्तमान में चिकित्सालय सिर्फ दो डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है. डॉक्टरों की कमी के चलते ग्रामीणों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. डॉक्टरों की कमी के चलते दूर-दराज से इलाज कराने आने वाले अधिकतर मरीजों को हायर रेफर कर दिया जाता है. चिकित्सालय में तैनात डॉक्टरों का कहना है कि चिकित्सालय में सुविधाएं तो सभी हैं, लेकिन डॉक्टरों के न होने के कारण मरीजों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है.
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प्रभारी डॉ. सुरभि का कहना है कि चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी है. अस्पताल में दवाइयां पूरी उपलब्ध है, डेली पेसेंट आते है. जिनको बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयास किया जाता है. अस्पताल में इमरजेंसी केस काफी अधिक आते हैं, जबकि अस्पताल में केवल दो डॉक्टर ही तैनाती है. अस्पताल में एक महिला डॉक्टर तैनात है. ज्यादा प्रसव के मरीजों को उन्हें मजबूरन रेफर करना पड़ता है.