श्रीनगर: पौड़ी जनपद श्रीनगर पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एनआईटी कुलसचिव पीएम काला सहित तमाम विभागों के अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने सभी से एनआईटी उतराखंड के अस्थाई और स्थाई परिसर के निर्माण के संबंध में रिपोर्ट मांगी, जिसमें पता चला कि अस्थाई कैंपस निर्माण देरी हो रही है, जिसपर मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने इस संबंध में सीपीडब्ल्यूडी के ठेकेदार को नोटिस देने की बात भी कही है.
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ईटीवी भारत से खास बात चीत में कहा कि एनआईटी के स्थाई परिसर के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार अपने रिसोर्सेज दे रही है. स्थाई परिसर के लिए राज्य सरकार सुमाड़ी में बिजली, पानी की व्यवस्था कर रही है. सड़को का कार्य एनआईटी को देखना है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किये जाने वाले कार्य तेजी के साथ किये जा रहे है.
उन्होंने एक बार फिर कहा कि एनआईटी का स्थायी परिसर सुमाड़ी में ही बनाया जायेगा. उन्होंने भरोसा जताया कि दिसंबर तक रेशम विभाग की भूमि पर छात्रों के हॉस्टल का कार्य पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने ये भी कहा कि अक्टूबर माह में शुरू होने जा रहे सेशन को श्रीनगर में ही संचालित किया जायेगा.
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उधर, प्रदेश की एक मात्र एनआईटी के काम में लेट लतीफी हो रही है. कार्यदायी संस्था सीपीडब्ल्यूडी (Central Public Works Department) की माने तो उन्हें काम करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं, जिसके चलते जुलाई माह में अस्थाई कैंपस का निर्माण न होकर खिसकते हुए दिसंबर तक पहुंच गया है, जिसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कार्यदायी एजेंसी को जमकर लताड़ लगाई है.
बता दें, श्रीनगर रेशम विभाग की भूमि पर एनआईटी के छात्रों के लिए 76 करोड़ की लागत से हॉस्टल और प्रयोगशाला का निर्माण कार्य होना हैं. वहीं, दूसरी तरफ सुमाड़ी में बनने वाले स्थाई परिसर के निर्माण में ₹700 करोड़ की धनराशि केंद्र सरकार द्वारा खर्च की जानी है, जिसमे एनआईटी के 500 छात्रों को पढ़ाई करनी है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से एनआईटी उतराखंड में पढ़ने के लिए आएंगे.