कोटद्वारः दिल्ली से कोटद्वार आने वाली गढ़वाल एक्सप्रेस का फायदा गढ़वालवासियों को नहीं मिल पा रहा है. लोगों ने इस ट्रेन के समय में बदलाव करने की मांग की है. गढ़वाल एक्सप्रेस दिल्ली से कोटद्वार दोपहर 3 बजे के करीब पहुंचती है जबकि पहाड़ी क्षेत्र में जाने वाली बस और मैक्सी कैब सभी 3 बजे से पहले अपने गंतव्य स्थान के लिए निकल जाते हैं, जिस कारण गढ़वाल एक्सप्रेस से दिल्ली से कोटद्वार पहुंचने वाले लोगों को रात्रि में होटल और धर्मशाला का सहारा लेना पड़ता है.
ऐसे में लोगों को मैक्सी कैब बुकिंग कर अपने गतंव्य स्थान तक जाना पड़ता है. इसलिए नागरिकों ने इस ट्रेन के समय में परिवर्तन करने की मांग की है. गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने भी कहा कि यह बड़ी समस्या है. इस संबंध रेल मंत्री को इससे अवगत कराया गया है.
सांसद रावत ने कहा कि कोटद्वार मतलब गढ़वाल का द्वार और कोटद्वार एक ऐसा स्थल है जो पहाड़ चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग को जोड़ता है. गढ़वाल एक्सप्रेस ट्रेन का समय जो कोटद्वार पहुंचने का है, वह बहुत गलत है.
जिन पहाड़वासियों के लिए यह ट्रेन चलाई गई थी उनको इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है क्योंकि 3 बजे के बाद कोटद्वार से कोई भी गाड़ी पहाड़ की ओर नहीं जाती. ट्रेन के पहुंचने का समय दोपहर 12 से 1 बजे के बीच होना चाहिए. यह विषय संसद में और रेल मंत्री के समक्ष रखा गया है.
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साथ ही उन्होंने कहा कि गढ़वाल एक्सप्रेस में जो हावड़ा के दो डिब्बे पूर्व में लगते थे उनको दोबारा से कोटद्वार से लगना चाहिए और देहरादून से भी दो डिब्बे हावड़ा के लगने चाहिए. आसपास के शहर लखनऊ, बनारस, अमृतसर में गढ़वाल के 20 से 25% लोग नौकरी करते हैं, ऐसे में हावड़ा के डब्बे जुड़ने से उनको भी फायदा होगा. इसके अलावा सांसद ने कहा कि देहरादून से कोटद्वार-रामनगर-टनकपुर रेल लाइन के संबंध में रेल मंत्री से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की.