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गढ़वाल एक्सप्रेस का पहाड़ के लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, सांसद ने रेलमंत्री के सामने रखी समय बदलने की मांग

गढ़वाल एक्सप्रेस दिल्ली से कोटद्वार दोपहर 3 बजे के करीब पहुंचती है. ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र में लोग देर शाम अपने घर नहीं पहुंच पाते हैं. नागरिकों ने इस ट्रेन के समय में परिवर्तन करने की मांग की है.

गढ़वाल एक्सप्रेस
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Published : Oct 3, 2019, 3:38 PM IST

कोटद्वारः दिल्ली से कोटद्वार आने वाली गढ़वाल एक्सप्रेस का फायदा गढ़वालवासियों को नहीं मिल पा रहा है. लोगों ने इस ट्रेन के समय में बदलाव करने की मांग की है. गढ़वाल एक्सप्रेस दिल्ली से कोटद्वार दोपहर 3 बजे के करीब पहुंचती है जबकि पहाड़ी क्षेत्र में जाने वाली बस और मैक्सी कैब सभी 3 बजे से पहले अपने गंतव्य स्थान के लिए निकल जाते हैं, जिस कारण गढ़वाल एक्सप्रेस से दिल्ली से कोटद्वार पहुंचने वाले लोगों को रात्रि में होटल और धर्मशाला का सहारा लेना पड़ता है.

गढ़वाल एक्सप्रेस के लाभ से वंचित गढ़वालवासी.

ऐसे में लोगों को मैक्सी कैब बुकिंग कर अपने गतंव्य स्थान तक जाना पड़ता है. इसलिए नागरिकों ने इस ट्रेन के समय में परिवर्तन करने की मांग की है. गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने भी कहा कि यह बड़ी समस्या है. इस संबंध रेल मंत्री को इससे अवगत कराया गया है.

सांसद रावत ने कहा कि कोटद्वार मतलब गढ़वाल का द्वार और कोटद्वार एक ऐसा स्थल है जो पहाड़ चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग को जोड़ता है. गढ़वाल एक्सप्रेस ट्रेन का समय जो कोटद्वार पहुंचने का है, वह बहुत गलत है.

जिन पहाड़वासियों के लिए यह ट्रेन चलाई गई थी उनको इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है क्योंकि 3 बजे के बाद कोटद्वार से कोई भी गाड़ी पहाड़ की ओर नहीं जाती. ट्रेन के पहुंचने का समय दोपहर 12 से 1 बजे के बीच होना चाहिए. यह विषय संसद में और रेल मंत्री के समक्ष रखा गया है.

यह भी पढ़ेंः भिमन्यु एकेडमी लूट कांडः RTO और आयकर विभाग भी एकाएक हुए सक्रिय, पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा

साथ ही उन्होंने कहा कि गढ़वाल एक्सप्रेस में जो हावड़ा के दो डिब्बे पूर्व में लगते थे उनको दोबारा से कोटद्वार से लगना चाहिए और देहरादून से भी दो डिब्बे हावड़ा के लगने चाहिए. आसपास के शहर लखनऊ, बनारस, अमृतसर में गढ़वाल के 20 से 25% लोग नौकरी करते हैं, ऐसे में हावड़ा के डब्बे जुड़ने से उनको भी फायदा होगा. इसके अलावा सांसद ने कहा कि देहरादून से कोटद्वार-रामनगर-टनकपुर रेल लाइन के संबंध में रेल मंत्री से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की.

कोटद्वारः दिल्ली से कोटद्वार आने वाली गढ़वाल एक्सप्रेस का फायदा गढ़वालवासियों को नहीं मिल पा रहा है. लोगों ने इस ट्रेन के समय में बदलाव करने की मांग की है. गढ़वाल एक्सप्रेस दिल्ली से कोटद्वार दोपहर 3 बजे के करीब पहुंचती है जबकि पहाड़ी क्षेत्र में जाने वाली बस और मैक्सी कैब सभी 3 बजे से पहले अपने गंतव्य स्थान के लिए निकल जाते हैं, जिस कारण गढ़वाल एक्सप्रेस से दिल्ली से कोटद्वार पहुंचने वाले लोगों को रात्रि में होटल और धर्मशाला का सहारा लेना पड़ता है.

गढ़वाल एक्सप्रेस के लाभ से वंचित गढ़वालवासी.

ऐसे में लोगों को मैक्सी कैब बुकिंग कर अपने गतंव्य स्थान तक जाना पड़ता है. इसलिए नागरिकों ने इस ट्रेन के समय में परिवर्तन करने की मांग की है. गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने भी कहा कि यह बड़ी समस्या है. इस संबंध रेल मंत्री को इससे अवगत कराया गया है.

सांसद रावत ने कहा कि कोटद्वार मतलब गढ़वाल का द्वार और कोटद्वार एक ऐसा स्थल है जो पहाड़ चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग को जोड़ता है. गढ़वाल एक्सप्रेस ट्रेन का समय जो कोटद्वार पहुंचने का है, वह बहुत गलत है.

जिन पहाड़वासियों के लिए यह ट्रेन चलाई गई थी उनको इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है क्योंकि 3 बजे के बाद कोटद्वार से कोई भी गाड़ी पहाड़ की ओर नहीं जाती. ट्रेन के पहुंचने का समय दोपहर 12 से 1 बजे के बीच होना चाहिए. यह विषय संसद में और रेल मंत्री के समक्ष रखा गया है.

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साथ ही उन्होंने कहा कि गढ़वाल एक्सप्रेस में जो हावड़ा के दो डिब्बे पूर्व में लगते थे उनको दोबारा से कोटद्वार से लगना चाहिए और देहरादून से भी दो डिब्बे हावड़ा के लगने चाहिए. आसपास के शहर लखनऊ, बनारस, अमृतसर में गढ़वाल के 20 से 25% लोग नौकरी करते हैं, ऐसे में हावड़ा के डब्बे जुड़ने से उनको भी फायदा होगा. इसके अलावा सांसद ने कहा कि देहरादून से कोटद्वार-रामनगर-टनकपुर रेल लाइन के संबंध में रेल मंत्री से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की.

Intro:summary गढ़वाल एक्सप्रेस का फायदा गढ़वाल वासियों को नहीं मिल पाता इसलिए पहाड़ की भौगोलिक स्थितियों को देखकर गढ़वाल एक्सप्रेस का समय बदलना भी बहुत जरूरी है, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने बताया कि यह बात मैंने रेल मंत्री व संसद में भी रखी है।

intro kotdwar कोटद्वार से चलने वाली गढ़वाल एक्सप्रेस का फायदा गढ़वाल वासियों को नहीं मिल पा रहा है, गढ़वाल एक्सप्रेस दिल्ली से कोटद्वार अपराह्न 3:00 बजे के लगभग पहुंचती है,जबकी पहाड़ी क्षेत्र में जाने वाले बस और मैक्सी कैब सभी 3:00 बजे से पहले अपने गंतव्य स्थान के लिए निकल जाते हैं, जिस कारण गढ़वाल एक्सप्रेस से दिल्ली से कोटद्वार पहुंचने वाले लोगों को रात्रि होटल और धर्मशाला का सहारा लेना पड़ता है , या तो मैक्सी कैब को बुकिंग कर अपने गतंव्य स्थान तक जाना पड़ता है, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने भी कहा कि यह बड़ी समस्या है इस संबंध मेने रेल मंत्री के समक्ष और संसद में भी रखी है।


Body:वीओ1- गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार मतलब गढ़वाल का द्वार, कोटद्वार एक ऐसा स्थल है जो पहाड़ चमोली, पौडी रुद्रप्रयाग को जोड़ता है, गढ़वाल एक्सप्रेस ट्रेन का समय जो कोटद्वार पहुचने का है वह बहुत गलत है, जिन पहाड़ वासियों के लिए यह ट्रेन चलाई गई थी, उनको इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि 3:00 बजे के बाद कोटद्वार से कोई भी गाड़ी ऊपर पहाड़ की ओर नहीं जाती, जिससे कि गढ़वाल के लोगों को इस ट्रेन का फायदा नहीं मिल पाता, ट्रेन का समय दिल्ली से कोटद्वार पहुंचने का अपराहन 12:00 से 1:00 के बीच होना चाहिये, यह विषय मैंने संसद में और रेल मंत्री के समक्ष रखा है, गढ़वाल एक्सप्रेस में जो हावड़ा के दो डब्बे पूर्व में लगते थे उनको दोबारा से कोटद्वार से लगना चाहिये और देहरादून से भी दो डब्बे हावड़ा के लगने चाहिए यह बात थी मैंने रेल मंत्री से कही है, हमारे आसपास के शहर लखनऊ, बनारस, अमृतसर में गढ़वाल के 20 से 25% लोग वहां पर नौकरी करते है हावड़ा के डब्बे जुड़ने से उनको भी फायदा होगा, रेल मंत्री से कहा कि देहरादून से कोटद्वार -रामनगर-टनकपुर रेल लाइन का सर्वे होना चाहिये, इस पर रेल लाइन बिछनी चाहिये, यह यहां की समस्या थी जो मैंने लोकसभा में भी उठाई और रेल मंत्री से व्यक्तिगत रूप से भी कहीं।

बाइट- तीरथ सिंह रावत गढ़वाल सांसद।

बाइट अमिताभ अग्रवाल स्थानीय निवाशी।


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