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उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका, लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक - उत्तराखंड

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग को लेकर जनता सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नजर बनाए हुई थी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान त्रिवेंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया. साथ ही मार्ग के निर्माण पर रोक लगा दी.

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर आज होना है सुप्रीम कोर्ट में फैसला
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Published : Jul 29, 2019, 11:16 AM IST

Updated : Jul 29, 2019, 4:27 PM IST

देहरादून/नई दिल्ली: लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग पर उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में त्रिवेंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. साथ ही लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग के निर्माण पर रोक लगा दी है.

मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब वहां पर एक इंच के निर्माण तक की मनाही थी, तब 7 मीटर का पुल कैसे बना दिया गया. साथ ही पर्यावरण मंत्रालय से परमिशन के बिना किसी प्रकार का निर्माण नहीं होना चाहिए.

बता दें कि 23 जुलाई को सेंट्रल इंपावर कमेटी (सीईसी) के मेंबर सेक्रेट्री अमरनाथ सेठी, मेंबर एमके मुत्थु ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी पौड़ी, प्रमुख वन संरक्षक,सीसीएफ गढ़वाल, सीएफ शिवालिक, एनटीसीए के आईजी, सहित लोक निर्माण विभाग के तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद थे.

इस दौरान सीईसी टीम के सदस्यों ने लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का बारीकी से निरीक्षण किया. साथ ही टीम ने मोटर मार्ग की चौड़ाई नापी. वहीं सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में वन विभाग का कहना था कि सड़क में तीन मीटर हिस्से में डामर बिछाया गया है. सभी पहलुओं पर नजर डालने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग पर रोक लगा दी.

देहरादून/नई दिल्ली: लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग पर उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में त्रिवेंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. साथ ही लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग के निर्माण पर रोक लगा दी है.

मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जब वहां पर एक इंच के निर्माण तक की मनाही थी, तब 7 मीटर का पुल कैसे बना दिया गया. साथ ही पर्यावरण मंत्रालय से परमिशन के बिना किसी प्रकार का निर्माण नहीं होना चाहिए.

बता दें कि 23 जुलाई को सेंट्रल इंपावर कमेटी (सीईसी) के मेंबर सेक्रेट्री अमरनाथ सेठी, मेंबर एमके मुत्थु ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी पौड़ी, प्रमुख वन संरक्षक,सीसीएफ गढ़वाल, सीएफ शिवालिक, एनटीसीए के आईजी, सहित लोक निर्माण विभाग के तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद थे.

इस दौरान सीईसी टीम के सदस्यों ने लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का बारीकी से निरीक्षण किया. साथ ही टीम ने मोटर मार्ग की चौड़ाई नापी. वहीं सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में वन विभाग का कहना था कि सड़क में तीन मीटर हिस्से में डामर बिछाया गया है. सभी पहलुओं पर नजर डालने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग पर रोक लगा दी.

Intro:summary लालढांग चिल्लर खाल वन मोटर मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई आज, जिस कारण उत्तराखंड के सरकारी अधिकारियों की धड़कन तेज हो गई हैं।


intro सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इंपावर कमेटी सीईसी ने लालढांग चिलरखाल वन मोटर मार्ग के स्थलीय निरीक्षण की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी है, रिपोर्ट पेश होने के बाद सरकारी अधिकारियों की धड़कन तेज हो गई है लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग के भाग्य का फैसला आज सुप्रीम कोर्ट में होना तय है।


Body:वीओ1- बता दे कि 23 जुलाई को सेंट्रल इंपावर कमेटी सीएससी के मेंबर सेक्रेट्री अमरनाथ सेठी, मेंबर एमके मुत्थु ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर लालढांग चिल्लाकाल वन मोटर मार्ग का निरीक्षण किया था, निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी पौड़ी, प्रमुख वन संरक्षक,सीसीएफ गढ़वाल, सीएफ शिवालिक, एनटीसीए के आईजी, सहित लोक निर्माण विभाग के तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद थे, सी ई सी टीम के सदस्यों ने लालढांग चिलरखाल वन मोटर मार्ग का बारीकी से निरीक्षण किया था, निरीक्षण के दौरान टीम ने लाल रंग की लाल मोटर मार्गो में बांटा था।


Conclusion:
Last Updated : Jul 29, 2019, 4:27 PM IST
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