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कंडोलिया ठाकुर मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला, सुख-समृद्धि की कामना

पौड़ी के भूम्याल देव कंडोलिया ठाकुर के वार्षिक पूजन कार्यक्रम में दूर-दूर से लोग आशीर्वाद लेने पहुंचे. इस दौरान श्रद्धालुओं ने आराध्य देव के मंदिर में पूजा अर्चना की. साथ ही मंदिर में सुबह से हवन यज्ञ कार्यक्रम चलता रहा.

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Published : Jun 5, 2023, 10:52 AM IST

पौड़ी: मुख्यालय पौड़ी के भूम्याल देव कंडोलिया ठाकुर का वार्षिक पूजन एवं भंडारे में आस्था का सैलाब मंदिर में उमड़ पड़ा. कंडोलिया मंदिर में वैदिक पूजा अर्चना व यज्ञ हवन के साथ ही परिसर में जागरण का आयोजन भी किया गया. जागरण में हजारों की संख्या में लोगों ने शामिल होकर आराध्य देव कंडोलिया ठाकुर के जयकारे लगाए.

पौडी के कंडोलिया मंदिर में जागरण व वैदिक पूजा अर्चना कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिससे यहां कीर्तन भजनों और कंडोलिया ठाकुर के जयकारों से मंदिर परिसर आस्थामय हो गया. लोक गायक अनिल बिष्ट, मनोज रावत अंजुल व योगंबर पोली आदि ने कंडोलिया ठाकुर के वार्षिक पूजन में देव स्तुतियां प्रस्तुत की, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा. इसके साथ ही आयोजित विशाल भंडारे में सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा. मंदिर प्रांगण में विधि-विधान के साथ वैदिक हवन यज्ञ आयोजित किया गया.
पढ़ें-15 जून को लगेगा विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम मंदिर मेला, बाबा के आशीर्वाद से बदल जाती है किस्मत

इस मौके पर कंडोलिया ठाकुर के जयकारों के साथ ढोल दमाऊ की थाप पर श्रद्धालुओं ने बाबा कंडोलिया से मनौतियां मांगी. स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी ने कंडोलिया ठाकुर के दरबार में पूजा अर्चना और छत्र चढ़ाकर सभी के कुशल क्षेम की प्रार्थना की. उनके साथ नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशर सिंह नेगी ने भी कंडोलिया ठाकुर के दरबार में माथा टेका और नगर वासियों के सुख समृद्धि की प्रार्थना की.
पढ़ें-हरिद्वार के साधु संतों ने मंदिरों में ड्रेस कोड का किया स्वागत, धर्माचार्यों से की ये अपील

क्या है मान्यता: पर्यटन नगरी पौड़ी के भूम्याल देव कंडोलिया ठाकुर को गढ़वाल में ही नहीं बल्कि कुमाऊं में भी पूजा जाता है. कुमाऊं में इन्हें गोल्ज्यू देवता के रूप में पूजा जाता है. कहा जाता है कि कुमाऊं के चंपावत के डुंग्रियाल नेगी जाति के ठाकुरों के ईष्ट देवता गोरिल हैं, जिनको गोल्ज्यू भी कहा जाता है.

मान्यता है कि पुराने समय में कुमांऊ से एक कन्या का विवाह पौड़ी में डुंग्रियाल नेगी जाति के एक युवक से हुआ. तब वह कन्या अपने साथ आराध्य देव गोल्ज्यू को एक कंडी में रखकर ससुराल पौड़ी गांव ले आई. कन्या द्वारा कंडी में रखकर लाए जाने के बाद ही गोल्ज्यू देवता को पौड़ी में कंडोलिया ठाकुर के नाम से पूजा जाने लगा.

पौड़ी: मुख्यालय पौड़ी के भूम्याल देव कंडोलिया ठाकुर का वार्षिक पूजन एवं भंडारे में आस्था का सैलाब मंदिर में उमड़ पड़ा. कंडोलिया मंदिर में वैदिक पूजा अर्चना व यज्ञ हवन के साथ ही परिसर में जागरण का आयोजन भी किया गया. जागरण में हजारों की संख्या में लोगों ने शामिल होकर आराध्य देव कंडोलिया ठाकुर के जयकारे लगाए.

पौडी के कंडोलिया मंदिर में जागरण व वैदिक पूजा अर्चना कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिससे यहां कीर्तन भजनों और कंडोलिया ठाकुर के जयकारों से मंदिर परिसर आस्थामय हो गया. लोक गायक अनिल बिष्ट, मनोज रावत अंजुल व योगंबर पोली आदि ने कंडोलिया ठाकुर के वार्षिक पूजन में देव स्तुतियां प्रस्तुत की, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा. इसके साथ ही आयोजित विशाल भंडारे में सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा. मंदिर प्रांगण में विधि-विधान के साथ वैदिक हवन यज्ञ आयोजित किया गया.
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इस मौके पर कंडोलिया ठाकुर के जयकारों के साथ ढोल दमाऊ की थाप पर श्रद्धालुओं ने बाबा कंडोलिया से मनौतियां मांगी. स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी ने कंडोलिया ठाकुर के दरबार में पूजा अर्चना और छत्र चढ़ाकर सभी के कुशल क्षेम की प्रार्थना की. उनके साथ नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशर सिंह नेगी ने भी कंडोलिया ठाकुर के दरबार में माथा टेका और नगर वासियों के सुख समृद्धि की प्रार्थना की.
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क्या है मान्यता: पर्यटन नगरी पौड़ी के भूम्याल देव कंडोलिया ठाकुर को गढ़वाल में ही नहीं बल्कि कुमाऊं में भी पूजा जाता है. कुमाऊं में इन्हें गोल्ज्यू देवता के रूप में पूजा जाता है. कहा जाता है कि कुमाऊं के चंपावत के डुंग्रियाल नेगी जाति के ठाकुरों के ईष्ट देवता गोरिल हैं, जिनको गोल्ज्यू भी कहा जाता है.

मान्यता है कि पुराने समय में कुमांऊ से एक कन्या का विवाह पौड़ी में डुंग्रियाल नेगी जाति के एक युवक से हुआ. तब वह कन्या अपने साथ आराध्य देव गोल्ज्यू को एक कंडी में रखकर ससुराल पौड़ी गांव ले आई. कन्या द्वारा कंडी में रखकर लाए जाने के बाद ही गोल्ज्यू देवता को पौड़ी में कंडोलिया ठाकुर के नाम से पूजा जाने लगा.

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