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उत्तराखंडः चमोली और धनौल्टी में बर्फबारी शुरू, बारिश और ओलावृष्टि से फसलें तबाह

चमोली और धनौल्टी में लगातार बारिश और बर्फबारी जारी है. जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं, श्रीनगर में तेज बारिश से जीजीआईसी की दीवार भर-भराकर मकानों के ऊपर गिरी गई. जिससे अब कई मकानों पर खतरा बना हुआ है. जबकि, ओलावृष्टि से फसलें तबाह हो गई है.

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Published : Mar 13, 2020, 6:05 PM IST

मसूरी/श्रीनगर/थरालीः उत्तराखंड में इनदिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है. जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में जमकर बारिश और बर्फबारी हो रही है. बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इतना ही नहीं कई जगहों पर ओलावृष्टि होने से फसलें तबाह हो गई है. जिससे किसानों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है. उधर, श्रीनगर में दीवार गिरने से दर्जनों मकानों पर खतरा बना हुआ है.

पहाड़ों की रानी मसूरी में बीती देर रात से मौसम का मिजाज बदला हुआ है. जिससे बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. साथ ही जनजीवन प्रभावित हो गया है. जबकि, बारिश होने से एक बार फिर से ठंडक लौट आई है. देश-विदेश से मसूरी पहुंचे पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

उत्तराखंड में बदला मौसम का मिजाज.

वहीं, धनौल्टी में लगातार बारिश और बर्फबारी जारी है. जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इतना ही नहीं बेमौसम बारिश ने किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया है. जिससे किसान मायूस हैं. मौसम विभाग की मानें तो अगले 72 घंटों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. जबकि, निचले इलाकों में भी रूक-रूककर बारिश हो सकती है.

ये भी पढ़ेंः बारिश और ओलावृष्टि ने धरतीपुत्र की उड़ाई नींद, सरकार से की मुआवजे की मांग

श्रीनगर में बीते दो दिनों से हो रही बरसात से जनजीवन प्रभावित हो गया है. शुक्रवार की सुबह तेज बारिश से जीजीआईसी की दीवार भर-भराकर मकानों के ऊपर गिरी गई. जिससे रमेश चंद बलोनी और दिनेश जोशी के मकान में दीवार का मलबा आ गया है. जबकि, आधा दर्जन मकानों पर खतरा बना हुआ है.

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दीवार ढहने से मकानों को पहुंचा नुकसान.

वहीं, मामले को लेकर जीजीआईसी की प्रधानाचार्या सुमन लता पंवार ने एसडीएम को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया. जिसके बाद तहसीलदार सुनील राज मौके पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने मौका मुआयना किया और मामले की रिपोर्ट तैयार की. उधर, ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और आम की बोरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश होने से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः मलबा आने से बंद हुआ यमुनोत्री हाईवे, जन-जीवन प्रभावित

थराली के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो चुका है. लोहाजंग, मुंदोली, आज टॉप, वाण, झलताल, तमाम क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है. मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोक निर्माण, आपदा प्रबंधन विभाग समेत तमाम विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. बेमौसम बारिश और बर्फबारी से क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गया है.

बारिश और बर्फबारी के चलते मार्च के महीने में भी दिसंबर जैसी ठंड पड़ रही है. जिससे लोगों ने अभी तक गर्म कपड़े पहने हुए हैं. वहीं, लगातार बारिश के चलते अब किसान अपनी खेती बाड़ी करने में बेबस नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल पूरी तरह पीली पड़ चुकी है और खेतों में खरपतवार का डर बना हुआ है.

काश्तकार महिपाल सिंह रावत का कहना है कि बारिश के चलते अब खेती का काम देरी से हो रहा है. जिसके चलते समय पर फसल नहीं पक पाती है. ज्यादा बारिश और बर्फबारी से भी फसलों को नुकसान पहुंचता है और गेहूं की फसलों में खरपतवार का डर बना रहता है.

मसूरी/श्रीनगर/थरालीः उत्तराखंड में इनदिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है. जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में जमकर बारिश और बर्फबारी हो रही है. बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इतना ही नहीं कई जगहों पर ओलावृष्टि होने से फसलें तबाह हो गई है. जिससे किसानों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है. उधर, श्रीनगर में दीवार गिरने से दर्जनों मकानों पर खतरा बना हुआ है.

पहाड़ों की रानी मसूरी में बीती देर रात से मौसम का मिजाज बदला हुआ है. जिससे बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. साथ ही जनजीवन प्रभावित हो गया है. जबकि, बारिश होने से एक बार फिर से ठंडक लौट आई है. देश-विदेश से मसूरी पहुंचे पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

उत्तराखंड में बदला मौसम का मिजाज.

वहीं, धनौल्टी में लगातार बारिश और बर्फबारी जारी है. जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इतना ही नहीं बेमौसम बारिश ने किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया है. जिससे किसान मायूस हैं. मौसम विभाग की मानें तो अगले 72 घंटों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. जबकि, निचले इलाकों में भी रूक-रूककर बारिश हो सकती है.

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श्रीनगर में बीते दो दिनों से हो रही बरसात से जनजीवन प्रभावित हो गया है. शुक्रवार की सुबह तेज बारिश से जीजीआईसी की दीवार भर-भराकर मकानों के ऊपर गिरी गई. जिससे रमेश चंद बलोनी और दिनेश जोशी के मकान में दीवार का मलबा आ गया है. जबकि, आधा दर्जन मकानों पर खतरा बना हुआ है.

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दीवार ढहने से मकानों को पहुंचा नुकसान.

वहीं, मामले को लेकर जीजीआईसी की प्रधानाचार्या सुमन लता पंवार ने एसडीएम को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया. जिसके बाद तहसीलदार सुनील राज मौके पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने मौका मुआयना किया और मामले की रिपोर्ट तैयार की. उधर, ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और आम की बोरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश होने से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं.

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थराली के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो चुका है. लोहाजंग, मुंदोली, आज टॉप, वाण, झलताल, तमाम क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है. मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोक निर्माण, आपदा प्रबंधन विभाग समेत तमाम विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. बेमौसम बारिश और बर्फबारी से क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गया है.

बारिश और बर्फबारी के चलते मार्च के महीने में भी दिसंबर जैसी ठंड पड़ रही है. जिससे लोगों ने अभी तक गर्म कपड़े पहने हुए हैं. वहीं, लगातार बारिश के चलते अब किसान अपनी खेती बाड़ी करने में बेबस नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल पूरी तरह पीली पड़ चुकी है और खेतों में खरपतवार का डर बना हुआ है.

काश्तकार महिपाल सिंह रावत का कहना है कि बारिश के चलते अब खेती का काम देरी से हो रहा है. जिसके चलते समय पर फसल नहीं पक पाती है. ज्यादा बारिश और बर्फबारी से भी फसलों को नुकसान पहुंचता है और गेहूं की फसलों में खरपतवार का डर बना रहता है.

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