कोटद्वार: महाराष्ट्र से शुरू हुआ लाउडस्पीकर विवाद बढ़ता जा रहा है. देशभर में मंदिर, मस्जिद और अन्य जगहों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर को कई एक्शन लिए गए. इसी क्रम में कोटद्वार की जामा मस्जिद में भी अजान को लेकर विवाद हो गया है. शहर की फिजा में किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो, इसके लिए कोटद्वार प्रशासन ने तत्काल संयुक्त बैठक बुलाकर मामले को शांत कराया. दरअसल, कोटद्वार-बदरीनाथ मार्ग में जामा मस्जिद में ऊंची आवाज में नमाज पढ़ने के मामले में काफी समय से हिंदू युवा वाहिनी की मस्जिद के लोगों से तकरार चल रही थी.
इसी क्रम में उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ कोटद्वार और कोतवाल के साथ दोनों पक्षों की संयुक्त बैठक हुई. बैठक में प्रशासन ने मस्जिद में लाउडस्पीकर में ऊंची आवाज में अजान पढ़ने के मामले में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु को हिदायत देते हुए हाईकोर्ट के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही प्रशासन ने अजान के दौरान हिंदू युवा वाहिनी को सायरन और पटाखे फोड़ने पर रोक लगाई है. प्रशासन के मुताबिक जल्द ही कोटद्वार की मस्जिदों में प्रदूषण बोर्ड जांच करेगा और उसी आधार पर कार्रवाई होगी.
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लाउडस्पीकर या कोई भी यंत्र बजाने की कितनी ध्वनि होगी, ये भी इन नियमों में तय है. इन नियमों के मुताबिक, साइलेंस जोन के 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर या कोई भी शोर करने वाला यंत्र नहीं बजाया जा सकता. साइलेंस जोन में अस्पताल, कोर्ट और शैक्षणिक संस्थान आते हैं.
इसके अलावा इंडस्ट्रियल इलाकों में ध्वनि का स्तर दिन के समय 75 डेसीबल और रात के समय 70 डेसीबल से ज्यादा नहीं होगा. कमर्शियल इलाकों में दिन में 65 डेसीबल और रात में 55 डेसीबल की लिमिट है. इसी तरह रिहायशी इलाकों में दिन के वक्त में ध्वनि का स्तर 55 डेसीबल और रात के वक्त 45 डेसीबल की लिमिट है. वहीं, साइलेंस जोन में दिन के समय 50 डेसीबल और रात के समय 40 डेसीबल का स्तर होगा.