श्रीनगरः ढिकाल गांव में गुलदार के हमले में बच्ची की मौत का मामला गरमा गया है. मामले में कांग्रेस ने सरकार को घेरा है. कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल का कहना है कि सरकार का वन महकमे पर कोई नियंत्रण नहीं है. गुलदारों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार गुलदारों की संख्या को रोकने में असमर्थ है. जिससे लोगों के प्राण संकट में है. वहीं, गणेश गोदियाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.
गणेश गोदियाल ने पीड़ित परिवार से की मुलाकातः बता दें कि बीती 5 सितंबर को श्रीनगर के ढिकाल गांव में 3 साल की आइसा पुत्री गणेश नेगी को गुलदार ने निवाला बना लिया था. इस घटना के बाद लोग दहशत में हैं तो वहीं वन महकमे के खिलाफ आक्रोशित भी नजर आ रहे हैं. इसी बीच उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और श्रीनगर के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ढिकाल गांव पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में वो परिवार के साथ हैं.
मानव जीवन की सुरक्षा के बने मजबूत नीतिः गणेश गोदियाल ने कहा कि कुछ दिन पहले सरकार ने उत्तराखंड में बाघों की संख्या में वृद्धि पर खुद की पीठ थपथपाई थी, लेकिन सरकार प्रदेश के गांवों में रह रहे लोगों के जीवन की सुरक्षा के आज तक कोई ठोस नीति नहीं बना पाई है. बाघों के संरक्षण की नीतियां बने और उसका समर्थन भी हो, लेकिन मानव जीवन की सुरक्षा के लिए भी मजबूत नीति बननी चाहिए.
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सरकार को संवेदनशील होकर विचार करने की जरूरतः उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान बाघों की संख्या बढ़ाने में जरूर है, लेकिन इंसान के जीवन को किस तरह बचाया जाए, इस ओर बिल्कुल भी नहीं है. सरकार ऐसे घटनाओं पर 4 लाख का मुआवजा देकर इतिश्री करती आ रही है. यह मुआवजा एक जीवन के लिए नाकाफी है. सरकार को इस पर संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए.
रेंजर स्तर के अधिकारी को मिले गुलदार को मारने का अधिकारः गणेश गोदियाल ने कि विश्व स्तर पर बाघों के संरक्षण की मुहिम चल रही है. यह इजाफा इंसानों की जान पर हो, जो सोचनीय विषय है. इस तरह की हादसों में परिवार के किसी कमाने वाले व्यक्ति की जान जाती है तो उसके लिए कम से कम 50 लाख और अन्य सामान्य व्यक्ति के लिए 25 लाख के मुआवजे की नीति बनाई जानी चाहिए. सरकार को इस घटना से सबक लेनी चाहिए. उन्होंने सरकार से रेंजर स्तर के अधिकारी को आदमखोर गुलदार को मारने के अधिकार देने की मांग की.