श्रीनगर: उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छुपी नहीं है. यहां किसी स्कूल में अध्यापक नहीं हैं तो कहीं क्लासेस की हालत खस्ताहाल है. श्रीनगर जनपद के राजकीय इंटर कॉलेज जामलाखाल में स्कूल की हालत जर्जर है. स्कूल की दीवारों में बड़े-बड़े छेद हो गए हैं और छत टपक रही है. वहीं, छात्रों के लिए बैठने के लिए कुर्सी मेज टूट चुके हैं. इससे अब बच्चे भी स्कूल आने में कतराते हैं.
पौड़ी जिले में अटल उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा पा चुके कोट ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज जामलाखाल स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं और स्कूल अध्यापक खतरे की जद में हैं. इस स्कूल की छत काफी जर्जर हो चुकी है. इस कारण छात्र-छात्राओं में डर का माहौल बना रहता है. बरसाती दिनों में स्कूल की छत टपकने से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती रहती है. जबकि ये स्कूल पूर्व विधायक स्वर्गीय सुंदर मंद्रवाल के कार्यकाल के दौरान अटल उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा पा चुका था.
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हालात यह हैं कि यह स्कूल धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. स्कूल प्रशासन की मानें तो शिक्षा विभाग को इस बारे में शिकायत की गई. लेकिन इसका समाधान आज तक नहीं हो सका. जब मामले में गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे तो स्कूल की स्थिति और हालातों को देखकर वे भी हैरान रह गए. उन्होंने अब खंड शिक्षा अधिकारी व मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर स्कूल की जर्जर हालत को सुधारने और इस स्कूल में मूलभूत सुवधाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं.