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वैक्सीन मैन चंद्र बल्लभ बेंजवाल की हालत नाजुक, सरकार से मदद की दरकार - COVAXIN project head Dr Chandra Ballabh Benzwal

रुद्रप्रयाग के बैंजी निवासी चंद्र बल्लभ बेंजवाल को मदद की दरकार है. बेंजवाल बुलंदशहर यूनिट के भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड में को-वैक्सीन टीका बनाने के प्रोजेक्ट हेड हैं और ब्लैक फंगस की वजह से वेंटिलेटर पर हैं.

बीबकॉल में को-वैक्सीन के प्रोजेक्ट हेड चंद्र बल्लभ बेंजवाल
बीबकॉल में को-वैक्सीन के प्रोजेक्ट हेड चंद्र बल्लभ बेंजवाल
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Published : Jun 9, 2021, 4:37 PM IST

Updated : Jun 9, 2021, 6:27 PM IST

श्रीनगर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Bharat Immunologicals and Biologicals Corporation Limited) के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और रुद्रप्रयाग के बैजी गांव के निवासी चंद्र बल्लभ बेंजवाल की हालत नाजुक है. ब्लैक फंगस के कारण बेंजवाल की हालत खराब है और वो फिलहाल दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर हैं. पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोडा ने बताया कि उत्तराखंड में वैक्सीन मैन के नाम से पहचाने जाने वाले चंद्र बल्लभ बेंजवाल की पूरी पूंजी इलाज में खत्म हो चुकी है.

डॉ. दरमोडा के मुताबिक बेंजवाल के ब्लैक फंगस की चपेट में आने से बुलंदशहर के भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीबकॉल) में कोवैक्सीन निर्माण प्रोजेक्ट फंसा हुआ है‌. डॉ. दरमोडा ने दावा किया है कि उनके परिजनों की अपील पर सोशल मीडिया में लगभग 30 लाख रुपए जमा भी किए थे, जो खत्म हो चुके हैं. गौर हो कि अभी हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ही कोवैक्सीन बना रही है. कोविड के प्रकोप के कारण कंपनी मांग के सापेक्ष आपूर्ति नहीं कर पा रही है. इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन को कोवैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए थे.

बीबकॉल में को-वैक्सीन के प्रोजेक्ट हेड चंद्र बल्लभ बेंजवाल
बीबकॉल में को-वैक्सीन के प्रोजेक्ट हेड चंद्र बल्लभ बेंजवाल.

इसके बाद देश में वैक्सीन बनाने का अनुभव रखने वाली तीन कंपनियों का चयन किया गया. इनमें हैफकिन बायो फार्मास्यूटिकल्स मुंबई एनडीडीबी, नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड से जुड़ी कंपनी इम्यूनोलाजिकल लिमिटेड आइआइएल और बुलंदशहर स्थित भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीबकॉल) शामिल हैं.

पढ़ें: कैबिनेट: अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी लेगी तीरथ सरकार, बदरीनाथ में 100 करोड़ से होंगे निर्माण कार्य

स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अनुरोध किया है कि बेंजी गांव निवासी बेंजवाल के पूरे इलाज का खर्चा राज्य सरकार उठाए. इससे उनके पूरे परिवार का मनोबल बढ़ेगा. डॉ. दरमोडा ने हैरानी जताई कि भारत में स्वदेशी को-वैक्सीन के हेड बेंजवाल जब करोना की चपेट में आए तो पूरे दिल्ली में उन्हें बेड उपलब्ध नहीं हो पाया था. परिजनों के अथक प्रयासों से बेड उपलब्ध हो पाया था. ब्लैक फंगस होने के बाद स्वयं परिवार के द्वारा इंजेक्शन का इंतजाम किया गया, लेकिन वैक्सीन मैन के परिवार की राज्य, केंद्र सरकार ने कोई सुध नहीं ली.

परिवार ने बुलंदशहर बीबकॉल प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है कि जिस सरकारी संस्थान में बेंजवाल ने 30 वर्ष नौकरी की और वैक्सीन निर्माण के लिए दिन-रात एक कर सफलता प्राप्त की थी. उन्होंने भी उनकी किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं की.

गौर हो कि चंद्र बल्लभ बेंजवाल ने इंटर तक की पढ़ाई गोपेश्वर से की है. गढ़वाल विवि से रसायन विज्ञान में एमएससी किया है. बेंजवाल के माता-पिता, तीन भाई और दो बहनें रुद्रप्रयाग अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बेंजी गांव में रहते हैं.

श्रीनगर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Bharat Immunologicals and Biologicals Corporation Limited) के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और रुद्रप्रयाग के बैजी गांव के निवासी चंद्र बल्लभ बेंजवाल की हालत नाजुक है. ब्लैक फंगस के कारण बेंजवाल की हालत खराब है और वो फिलहाल दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर हैं. पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोडा ने बताया कि उत्तराखंड में वैक्सीन मैन के नाम से पहचाने जाने वाले चंद्र बल्लभ बेंजवाल की पूरी पूंजी इलाज में खत्म हो चुकी है.

डॉ. दरमोडा के मुताबिक बेंजवाल के ब्लैक फंगस की चपेट में आने से बुलंदशहर के भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीबकॉल) में कोवैक्सीन निर्माण प्रोजेक्ट फंसा हुआ है‌. डॉ. दरमोडा ने दावा किया है कि उनके परिजनों की अपील पर सोशल मीडिया में लगभग 30 लाख रुपए जमा भी किए थे, जो खत्म हो चुके हैं. गौर हो कि अभी हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ही कोवैक्सीन बना रही है. कोविड के प्रकोप के कारण कंपनी मांग के सापेक्ष आपूर्ति नहीं कर पा रही है. इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन को कोवैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए थे.

बीबकॉल में को-वैक्सीन के प्रोजेक्ट हेड चंद्र बल्लभ बेंजवाल
बीबकॉल में को-वैक्सीन के प्रोजेक्ट हेड चंद्र बल्लभ बेंजवाल.

इसके बाद देश में वैक्सीन बनाने का अनुभव रखने वाली तीन कंपनियों का चयन किया गया. इनमें हैफकिन बायो फार्मास्यूटिकल्स मुंबई एनडीडीबी, नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड से जुड़ी कंपनी इम्यूनोलाजिकल लिमिटेड आइआइएल और बुलंदशहर स्थित भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीबकॉल) शामिल हैं.

पढ़ें: कैबिनेट: अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी लेगी तीरथ सरकार, बदरीनाथ में 100 करोड़ से होंगे निर्माण कार्य

स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अनुरोध किया है कि बेंजी गांव निवासी बेंजवाल के पूरे इलाज का खर्चा राज्य सरकार उठाए. इससे उनके पूरे परिवार का मनोबल बढ़ेगा. डॉ. दरमोडा ने हैरानी जताई कि भारत में स्वदेशी को-वैक्सीन के हेड बेंजवाल जब करोना की चपेट में आए तो पूरे दिल्ली में उन्हें बेड उपलब्ध नहीं हो पाया था. परिजनों के अथक प्रयासों से बेड उपलब्ध हो पाया था. ब्लैक फंगस होने के बाद स्वयं परिवार के द्वारा इंजेक्शन का इंतजाम किया गया, लेकिन वैक्सीन मैन के परिवार की राज्य, केंद्र सरकार ने कोई सुध नहीं ली.

परिवार ने बुलंदशहर बीबकॉल प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है कि जिस सरकारी संस्थान में बेंजवाल ने 30 वर्ष नौकरी की और वैक्सीन निर्माण के लिए दिन-रात एक कर सफलता प्राप्त की थी. उन्होंने भी उनकी किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं की.

गौर हो कि चंद्र बल्लभ बेंजवाल ने इंटर तक की पढ़ाई गोपेश्वर से की है. गढ़वाल विवि से रसायन विज्ञान में एमएससी किया है. बेंजवाल के माता-पिता, तीन भाई और दो बहनें रुद्रप्रयाग अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बेंजी गांव में रहते हैं.

Last Updated : Jun 9, 2021, 6:27 PM IST
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