कोटद्वार: खोह नदी में सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण दो बच्चों की रविवार को डूबकर मौत हो गई थी. जिस पर अब प्रशासन उनके परिजनों को दैविक आपदा के तहत 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने की तैयारी कर रहा है. खोह नदी में रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनेलाइज करने के नाम पर खनन माफिया गड्ढे बना दिए हैं. जिस कारण नदी का स्वरूप बदलकर झील जैसा हो गया है, जो कि आसपास के क्षेत्रों के लिए एक अभिशाप की तरह देखा जा रहा है.
कोटद्वार में नदी तट पर बसे आम जनमानस को नदी के प्रकोप से बचाने के लिए चैनेलाइज करने की नीति बनाई गई थी. वही नीति आज आम जनमानस की जान ले रही है. रविवार को खोह नदी में हुई दो मासूमों की मौत ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं.
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एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि रविवार को दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी. उनके परिजनों को जैविक आपदा के तहत चार-चार लाख रुपए की धनराशि मुआवजा के तौर पर देने के लिए रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई है.