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कोटद्वार में बसों का टोटा, यात्रियों को करना पड़ रहा घंटों इंतजार

कोटद्वार में जीएमओयू की 80 प्रतिशत बसें चारधाम यात्रा पर जाने से स्थानीय लोगों को वाहन नहीं मिल पा रहे हैं. यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

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Published : Jun 9, 2022, 4:28 PM IST

lack of buses in kotdwar
कोटद्वार में बसों का टोटा

कोटद्वारः उत्तराखंड की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी जीएमओयू (गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन) में बसों का टोटा होने लगा है. कंपनी के अधिकतर वाहन चारधाम यात्रा में जाने के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वाहन नहीं मिल पा रहे हैं. इससे यात्रियों को भारी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. कोटद्वार डिपो में कंपनी की 100 बसें हर दिन स्थानीय लोगों को सफर कराती थी. लेकिन अब मात्र 20% बसें ही यात्रियों की सेवा के लिए लगाई गई है. 80% बसें चारधाम यात्रा पर चलाई जा रही है.

जीएमओयू ट्रांसपोर्ट कंपनी के कोटद्वार कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में कंपनी के 320 वाहन ही मौजूद हैं. इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा वाहन चारधाम यात्रा पर है. प्रदेश की करीब 1500 किमी की लिंग रोड पर वाहन नहीं चल पा रहे हैं. कोटद्वार में भी जीएमओयू कंपनी की बसों का टोटा बना हुआ है. इस कारण डग्गामार वाहन यात्रियों से मनमाने किराया वसूल रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः सीमा पर तारबाड़ तोड़ने का मामला: नेपाल नहीं दे पाया नागरिकों के बेकसूर होने के सुबूत

यात्रियों का कहना है कि घंटों इंतजार के बाद भी वाहन नहीं मिल रहे हैं. गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन के सचिव विजय पाल नेगी ने बताया कि सरकार द्वारा वाहन का बीमा शुल्क भी अत्याधिक किया गया है. साथ ही कोरोना काल में वाहन स्वामियों को आर्थिक क्षति भी हुई है. इस कारण कंपनी के बेड़े में नये वाहन नहीं आए हैं.

कोटद्वारः उत्तराखंड की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी जीएमओयू (गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन) में बसों का टोटा होने लगा है. कंपनी के अधिकतर वाहन चारधाम यात्रा में जाने के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वाहन नहीं मिल पा रहे हैं. इससे यात्रियों को भारी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. कोटद्वार डिपो में कंपनी की 100 बसें हर दिन स्थानीय लोगों को सफर कराती थी. लेकिन अब मात्र 20% बसें ही यात्रियों की सेवा के लिए लगाई गई है. 80% बसें चारधाम यात्रा पर चलाई जा रही है.

जीएमओयू ट्रांसपोर्ट कंपनी के कोटद्वार कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में कंपनी के 320 वाहन ही मौजूद हैं. इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा वाहन चारधाम यात्रा पर है. प्रदेश की करीब 1500 किमी की लिंग रोड पर वाहन नहीं चल पा रहे हैं. कोटद्वार में भी जीएमओयू कंपनी की बसों का टोटा बना हुआ है. इस कारण डग्गामार वाहन यात्रियों से मनमाने किराया वसूल रहे हैं.
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यात्रियों का कहना है कि घंटों इंतजार के बाद भी वाहन नहीं मिल रहे हैं. गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन के सचिव विजय पाल नेगी ने बताया कि सरकार द्वारा वाहन का बीमा शुल्क भी अत्याधिक किया गया है. साथ ही कोरोना काल में वाहन स्वामियों को आर्थिक क्षति भी हुई है. इस कारण कंपनी के बेड़े में नये वाहन नहीं आए हैं.

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