श्रीनगर: उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य केंद्रों की हालत किसी से छुपी नहीं है. बीरोंखाल फरसाड़ी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है. जैसे यहां बिजली के तार तो है लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं है. अस्पताल में दवाइयां और स्टाफ भी नहीं है. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि इस कोरोना महामारी में प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कैसा इलाज मुहैय्या करवा रही है वो भी तब जब मुख्यमंत्री तीरथ के पास खुद स्वास्थ्य विभाग हो.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाड़ी में सरकार ने अस्पताल के लिए एक ठीक ठाक बिल्डिंग तो बना दी लेकिन शायद स्वास्थ्य सुविधाएं देना भूल गई. अस्पताल में मरीजों के लिए पंखे तो लगे हैं, लेकिन लाइट नहीं है. अस्पताल के शौचालय की हालत भी दयनीय है. अगर बरसात में कभी अस्पताल में अंधेरा हो जाए तो चोट में पट्टी करना भी डॉक्टरों के लिए मुश्किल हो जाता है. अस्पताल की ऐसी हालत देख ग्रामीण परेशान हैं.
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अस्पताल में तैनात डॉक्टर अभिषेक का कहना है कि वह तीन साल से अस्पताल में तैनात है. तब से स्वास्थ्य केंद्र में बिजली नहीं है. उन्होंने पत्र लिखकर बिजली विभाग को बताया भी है उन्होंने कहा जब कोई मरीज अस्पताल में आता है तो वे उसकी स्क्रीनिंग करते हैं और दवां देते हैं. अगर, सीरियस मरीज हो तो उसे हायर सेंटर के लिए रेफर किया जाता है.