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श्रीनगर: पर्वतीय क्षेत्रों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता को लेकर CM ने कही बड़ी बात

श्रीनगर में सीट बेल्ट के कारण दो लोगों की हुई मौत के बाद राज्य सरकार जागी है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पहाड़ों पर सीट बेल्ट की अनिवार्यता को लेकर राज्य सरकार केंद्र के बात करेगी.

Srinagar Hindi News
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Published : Feb 9, 2020, 9:26 AM IST

Updated : Feb 9, 2020, 4:57 PM IST

श्रीनगर: उतराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता को हटाने के लिए उठी आवाज सरकार के कानों तक पहुंच चुकी है. जिसको लेकर उतराखंड सरकार की टेक्निकल टीम से इस विषय पर रिसर्च करके केंद्र सरकार से बात करेगी. बता दें, कुछ दिन पहले श्रीनगर के धारी देवी के पास वाहन दुर्घटना में सीट बेल्ट के चलते दो लोगों को वाहन से बाहर निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. वहीं, वाहन सवार सीट बेल्ट के कारण बाहर नहीं निकल पाए थे जिस कारण उनकी डूबने से मौत हो गई थी.

ट बेल्ट की अनिवार्यता को लेकर CM ने कही बड़ी बात.

लंबे समय से पर्वतीय क्षेत्रों से सीट बेल्ट की अनिवार्यता समाप्त करने के लिये लोग आवाज उठा रहे हैं. अब इस मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वाहन संबंधी नियम केंद्र सरकार बनाती है. उस में बदलाव का अधिकार राज्य सरकार का नहीं है, लेकिन राज्य सरकार इस विषय पर रिचर्स कराएगी कि पहाड़ी रास्तों में दुर्घटनाओं में सीट बेल्ट की क्या भूमिका है? रिसर्च पूरी होने के बाद केंद्र सरकार से इस बारे में बात की जाएगी.

पढ़ें- केरल बाढ़ पीड़ितों को 121 घरों की चाबी सौंपेगा ईनाडु- रामोजी ग्रुप

श्रीनगर: उतराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता को हटाने के लिए उठी आवाज सरकार के कानों तक पहुंच चुकी है. जिसको लेकर उतराखंड सरकार की टेक्निकल टीम से इस विषय पर रिसर्च करके केंद्र सरकार से बात करेगी. बता दें, कुछ दिन पहले श्रीनगर के धारी देवी के पास वाहन दुर्घटना में सीट बेल्ट के चलते दो लोगों को वाहन से बाहर निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. वहीं, वाहन सवार सीट बेल्ट के कारण बाहर नहीं निकल पाए थे जिस कारण उनकी डूबने से मौत हो गई थी.

ट बेल्ट की अनिवार्यता को लेकर CM ने कही बड़ी बात.

लंबे समय से पर्वतीय क्षेत्रों से सीट बेल्ट की अनिवार्यता समाप्त करने के लिये लोग आवाज उठा रहे हैं. अब इस मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वाहन संबंधी नियम केंद्र सरकार बनाती है. उस में बदलाव का अधिकार राज्य सरकार का नहीं है, लेकिन राज्य सरकार इस विषय पर रिचर्स कराएगी कि पहाड़ी रास्तों में दुर्घटनाओं में सीट बेल्ट की क्या भूमिका है? रिसर्च पूरी होने के बाद केंद्र सरकार से इस बारे में बात की जाएगी.

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Intro:उतराखण्ड के पहाड़ी छेत्रो में सीट बेल्ट की अनिवार्यता को हटाने के लिए उठी आवाज़ सरकार तक पहुच गयी,जिसको लेकर उतराखण्ड सरकार टिकनिकल टीम से इस विषय पर रिसर्च करके केंद्र सरकार से बात करेगी आपको बता दे कि कुछ रोज पहले श्रीनगर के धारी देवी के संमिप वाहन दुर्घटना में शीट बेल्ट के चलते दो लोग वाहन से बाहर नही निकल सके और पानी मे डूबने से उनकी मौत हो गयी।Body:पिछले लंबे समय से पर्वतीय छेत्रो से सीट ब्लेट की अनिवार्यता समाप्त करने के लिये स्थानीय लोग आवाज़ उठाते रहे है ये आवाज़ अब सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तक भी गयी है cm त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वाहन सम्बन्धी नियम केंद्र सरकार बनाती है उस मे बदलाव का अधिकार राज्य सरकार का नही है लेकिन राज्य सरकार इस विषय पर रिचर्स कर वाएगी की पहाड़ी रास्तो में दुर्घटनाओ में शीट ब्लेट की क्या भूमिका है रिसर्च आने के बाद केंद्र से इस बारे में बात की जाएगी उन्होंने भी कहा कि ये बात उनतक भी है कुछ दुर्घटनाओ में सीट ब्लेट से नुकसान हुआ है।Conclusion:आपको बता दे कि etv भारत ने भी जनता की आवाज़ पहुचाने का कार्य अपनी खबर के माध्य्म से किया था कि स्थानीय जनता शीट ब्लेट का विरोश कर रही है।और नियमो में ढील देने की मांग उठ रही है जिससे पहाड़ी रास्तो में दुर्घटनाओ से बचाव हो सके।
Last Updated : Feb 9, 2020, 4:57 PM IST
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