कोटद्वार: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज 6486.59 लाख रुपए की लागत से बनी बहुचर्चित भैरवगढ़ी पंपिंग योजना का लोकार्पण किया. इस दौरान 163.28 लाख का नवनिर्माण विकासखण्ड कार्यालय जयहरीखाल का भी लोकार्पण किया गया. साथ ही राजकीय इंटर कॉलेज जयहरीखाल के निर्माणाधीन भवन का भी सीएम ने निरीक्षण किया.
₹6486.59 लाख की लागत से बनी बहुचर्चित भैरवगढ़ी पंपिंग योजना का लोकार्पण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत की मांग पर विद्युत वितरण खंड खोलने की घोषणा की तो वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 नवंबर को प्रदेश में चार बंदरबाड़ों का भी शिलान्यास किया जाएगा. जिसमें दो गढ़वाल और दो कुमाऊं क्षेत्र में खोले जायेंगे. इसमें लगभग तीस हजार बंदरों को पकड़कर बंद किया जाएगा.
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इसके बाद प्रदेश में लोगों को खेती करने में आसानी होगी. साथ ही सीएम ने पौड़ी के कंडोलिया में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर बनाने की बात कही. जयहरीखाल में मिनी स्टेडियम के साथ ही मार्च महीने तक प्रदेश में दस लाख लोगों प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन से जोड़ने के लक्ष्य की बात को भी सीएम ने प्रमुखता से रखा.
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बता दें कि द्वारीखाल, जयहरीखाल, यमकेश्वर विकासखण्डों की 75 ग्राम सभाओं के 22000 से भी अधिक आबादी की प्यास बुझाने के लिए एनडी तिवारी सरकार ने 2006 में भैरव गढ़ी पंपिंग योजना को स्वीकृति दी थी. नयार नदी में चमोलीसैंण से शुरू होने वाली इस योजना का बजट 22 करोड़ था. इस बीच लैंसडौन छावनी क्षेत्र व कैंट एरिया भी इस योजना में जुड़ गया था. जिसके बाद योजना का बजट और बढ़ गया.
भैरव गढ़ी पंपिंग योजना पर एक नजर
- 2006 में एनडी तिवारी सरकार ने की स्वीकृत
- अनुमानित बजट 48 करोड़ 61 लाख.
- शासन से स्वीकृति 9 करोड़ 40 लाख.
- योजना में शामिल क्षेत्र यमकेश्वर जायहरीखाल द्वारीखाल और लैंसडौन छावनी.
- लाभान्वित होने वाले आबादी 22 हजार से अधिक.
- छावनी क्षेत्र की शामिल आबादी 7 हजार से अधिक.