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कोटद्वारः पुल निर्माण की धीमी गति से नागरिकों में आक्रोश, आंदोलन की दी चेतावनी

बलगाड गधेरे में जिला योजना के अंतर्गत प्रस्तावित पुल का निर्माण कार्य अत्यंत धीमी गति से चल रहा है. ऐसे में समयावधि में इसका बनना संभव नहीं दिख रहा है.

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Published : Dec 16, 2019, 11:03 AM IST

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चीटीं कि चाल हो रहा पुल निर्माण कार्य

कोटद्वार: बलगाड गधेरे में जिला योजना से प्रस्तावित पुल से बौठा, भलगांव, बछेली, मदनपुर, धुलगांव आदि गांवों को फायदा होना था. जनता की मांग पर शासन ने पुल निर्माण को स्वीकृति प्रदान करते हुए ₹48 लाख की धनराशि आवंटित की थी, जिसमें लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था थी. विभाग ने वर्ष 2018 में पुल निर्माण कार्य शुरु किया, लेकिन पुल निर्माण 2019 में पूरा नहीं हो सका.

पुल निर्माण की धीमी गति

बता दें सबसे ज्यादा परेशानी छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ती है. बरसात के दिनों में गधेरे का जलस्तर बढ़ने पर विद्यालय पहुंचना मुश्किल होता है, जिससे पठन-पाठन प्रभावित होता है, वहीं ग्रामीणों ने विभाग और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं.

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वहीं ग्रामीण चंद्रमोहन चौधरी ने बताया कि 2018 अक्टूबर माह में पुल बनना शुरु हुआ था, जो अप्रैल 2019 तक बनकर तैयार हो जाना था. एक साल बीत जाने के बाद भी यह पुल अभी तक नहीं बना. ठेकेदार द्वारा नदी के दोनों तरफ केवल पिलर खड़े किए गए हैं.

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दूसरी ओर क्षेत्र पंचायत सदस्य यशपाल रावत ने बताया कि पुल निर्माण से चार- पांच गांवों को लाभ मिलना था, जिसमें भलगांव, बछेती, बौंठा, धुलगांव,मदनपुर हैं, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी पुल नहीं बन सका, जबकि पुल को 6 महीने के अंदर तैयार होना था. जिला योजना के अंतर्गत इस पुल के लिए 54 लाख रुपए स्वीकृति किए गए थे ₹ 48 लाख में पुल का टेंडर जारी हुआ था.

कोटद्वार: बलगाड गधेरे में जिला योजना से प्रस्तावित पुल से बौठा, भलगांव, बछेली, मदनपुर, धुलगांव आदि गांवों को फायदा होना था. जनता की मांग पर शासन ने पुल निर्माण को स्वीकृति प्रदान करते हुए ₹48 लाख की धनराशि आवंटित की थी, जिसमें लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था थी. विभाग ने वर्ष 2018 में पुल निर्माण कार्य शुरु किया, लेकिन पुल निर्माण 2019 में पूरा नहीं हो सका.

पुल निर्माण की धीमी गति

बता दें सबसे ज्यादा परेशानी छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ती है. बरसात के दिनों में गधेरे का जलस्तर बढ़ने पर विद्यालय पहुंचना मुश्किल होता है, जिससे पठन-पाठन प्रभावित होता है, वहीं ग्रामीणों ने विभाग और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं.

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वहीं ग्रामीण चंद्रमोहन चौधरी ने बताया कि 2018 अक्टूबर माह में पुल बनना शुरु हुआ था, जो अप्रैल 2019 तक बनकर तैयार हो जाना था. एक साल बीत जाने के बाद भी यह पुल अभी तक नहीं बना. ठेकेदार द्वारा नदी के दोनों तरफ केवल पिलर खड़े किए गए हैं.

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दूसरी ओर क्षेत्र पंचायत सदस्य यशपाल रावत ने बताया कि पुल निर्माण से चार- पांच गांवों को लाभ मिलना था, जिसमें भलगांव, बछेती, बौंठा, धुलगांव,मदनपुर हैं, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी पुल नहीं बन सका, जबकि पुल को 6 महीने के अंदर तैयार होना था. जिला योजना के अंतर्गत इस पुल के लिए 54 लाख रुपए स्वीकृति किए गए थे ₹ 48 लाख में पुल का टेंडर जारी हुआ था.

Intro:summary द्वारीखाल ब्लाक के अंतर्गत डाडामंडी के समीप बलगाड गधेरे में जिला योजना के अंतर्गत प्रस्तावित पुल का निर्माण कार्य निर्धारित समय अवधि के भीतर पूरा होने के आसार नजर नहीं आ रहे, क्षेत्रवासियों ने विभाग के प्रति आक्रोश बना हुआ है, लोगों ने पुल का निर्माण जल्द पूरा न होने पर आंदोलन की चेतावनी।

intro kotdwra डाडामंडी में बलगाड गधेरे में जिला योजना से प्रस्तावित पुल से बौठा, भलगांव, बछेली, मदनपुर, धुलगांव आदि गांवों को फायदा होना था, सबसे ज्यादा परेशानी यहाँ पर छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ती है, बरसात में गधेरे का जल स्तर बढ़ने पर विद्यालय पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जिससे उनके पठन-पाठन प्रभावित होता है, क्षेत्र की जनता की मांग पर शासन ने जिला योजना से पुल निर्माण को स्वीकृति प्रदान करते हुए ₹48लाख की धनराशि आवंटित की थी, लोक निर्माण विभाग को कार्यदाई संस्था बनाया गया था, लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2018 में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया था लेकिन निर्माण वर्ष 2019 तक कार्य पूरा नहीं हो सका, जिसके चलते ही अब ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ धरना प्रदर्शन का मन बनाया।


Body:वीओ1- चंद्रमोहन चौधरी ने बताया कि 2018 अक्टूबर में यह पुल बनना शुरू हुआ था, जिसे अप्रैल 2019 तक बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन 1 साल का समय बीत जाने के बाद भी यह पुल अभी तक नहीं बन पाया, ठेकेदार के द्वारा नदी के दोनों तरफ पुल के पिलर खड़े कर दिए गए हैं, हमने ठेकेदार से बात भी की लेकिन ठेकेदार ने कहा कि पुल के लिए लोहा बनाने के लिए ऋषिकेश दिया है, यह पुल जिला योजना के अंतर्गत ₹48लाख की लागत से बनाया जा रहा है।

बाइट चंद्रमोहन चोधरी ग्रामीण



वीओ2- वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य यशपाल रावत ने बताया कि इस पुल के बनने से चार- पांच गांवों को लाभ मिलना था, भलगांव,बछेती, बौंठा, धुलगांव,मदनपुर को लाभ मिलना था, लेकिन 1 साल का समय बीत जाने के बाद भी पुल अभी तक नहीं बन सका, वैसे तो इस पुल को 6 महीने के अंदर तैयार हो जाना चाहिए था, जिला योजना के अंतर्गत 54 लाख रुपए की लागत से इस पुल की स्वीकृति मिली थी और ₹48लाख में पुल का टेंडर छूटा था, अब एक बार ठेकेदार से पुनः बात की जाएगी उसके बाद ग्रामीण धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

बाइट यशपाल रावत छेत्रपंचायत सदस्य


Conclusion:
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