श्रीनगर: कोरोना संकट के दौर में एक नवविवाहिता महिला को सही समय में इलाज न मिलने पर अपनी जान गवानी पड़ी थी. वहीं जिलाधिकारी ने महिला की मौत की जांच सीडीओं पौड़ी को करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि यह मामला 10 मई का है जब तहसील थराली के प्रखाल गांव की 20 वर्षीय दिप्ती पत्नी कुश्वर सिंह को गर्भपात होने के चलते श्रीनगर के बेस चिकित्सालय लाया गया था. अस्पताल पहुंचने पर मरीज और परिजनों को काफी भटकना पड़ा था.
मृतका के भाई दिग्पाल ने बताया कि दिप्ती का गर्भपात होने के चलते पहले उसे बेस चिकित्सालय उपचार के लिए लाया गया. बेस चिकित्सालय श्रीकोट से गायनी वार्ड संयुक्त चिकित्सालय शिफ्ट होने के चलते उन्हें संयुक्त चिकित्सालय भेजा गया. संयुक्त चिकित्सालय पहुंचने पर डॉक्टरों ने महिला की ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर भर्ती न करते हुए उसे दोबारा बेस चिकित्सालय भेज दिया था.
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दिग्पाल सिंह ने बताया कि दीप्ति अपने पति के साथ कुछ समय पहली ही दिल्ली से गांव पहुंची थी. मेडिकल जांच रिपोर्ट होने के बावजूद भी उसका उपचार नहीं किया गया. साथ ही उसे कोरोना वार्ड में सीधा भर्ती किया गया, जहां उसका ब्लड सैंपल लेने के बाद कई घंटों बाद भी डाॅक्टरों ने उसका इलाज नहीं किया. जिससे पूरी शरीर में इंफेक्शन फैलने से उसकी मौत हो गई. मामले में परिजनों ने जिलाधिकारी पौड़ी से जांच की मांग की थी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने सीडीओं पौड़ी को जांच के आदेश दिए हैं.