श्रीनगर गढ़वालः ऐतिहासिक बैकुंठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी का धूमधाम से आगाज हो गया है. मेले का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि विधायक और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने की. इस दौरान विधायक रावत और पालिकाध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं की परेड की सलामी ली. वहीं, इस बार खड़े दीये के लिए करीब 200 निसंतान दंपतियों ने पंजीकरण करवाया है.
बैकुंठ चतुर्दशी मेला रविवार को गोला पार्क में एसएसबी और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की परेड के साथ शुरू हो गया है. इस दौरान सूबे के उच्च शिक्षा एवं प्रोटोकॉल मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और पालिकाध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने कार्यक्रम की शुरूआत ध्वजारोहण और कबूतर उड़ाकर किया. कार्यक्रम में क्षेत्र के दर्जन भर स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने परेड और झांकियां निकाली. जिसके बाद मंत्री ने जीआईएनटीआई मैदान में विकास प्रदर्शनी का आगाज किया.
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कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह के सामने नगर से जुड़ी कई समस्याएं रखीं. जिस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होनें कहा कि श्रीनगर को जल्द ही अतिक्रमण मुक्तकर गढ़वाल क्षेत्र के सबसे बड़े बाजार के रूप में विकसित किया जाएगा. साथ ही मेले के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद देने का भी आश्वासन भी दिया.
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बता दें कि, श्रीनगर में आयोजित होने वाला यह बैकुंठ चतुर्दशी मेला गढ़वाल क्षेत्र के सबसे बड़े मेलों में शामिल है. जिसमें रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, टिहरी समेत कुमाऊं क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. यह मेला 10 नवंबर से आगामी 19 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान मेले में हर दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. जबकि, रात में बॉलीवुड और राज्य लोक गायक मेले में अपना जलवा बिखेरेंगे.
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वहीं, कमलेश्वर महादेव मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. पहले (गोधूली वेला) से खड़ा दीया अनुष्ठान भी शुरू होगा. जिसमें निसंतान दंपति रातभर हाथ में जलता दीपक लेकर खड़े रहेंगे. जहां पर सोमवार सुबह करीब चार बजे मंदिर के महंत आशुतोष पुरी भगवान कमलेश्वर (शिव) की पूजा और अभिषेक करेंगे. जिसके बाद दीपक को शिव को अर्पित किया जाएगा.
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हवन के बाद महंत श्री संवाद देकर दंपत्तियों को विदा करेंगे. खड़े दीया अनुष्ठान के लिए 200 से ज्यादा दंपत्तियों ने पंजीकरण करवाया है. जिसमें उत्तराखंड, दिल्ली, मुंबई, पंजाब समेत कई राज्यों के दंपत्ति शामिल हैं. मेले में कमलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में निसंतान दंपत्ति रातभर हाथ में दीपक लेकर खड़े होकर भगवान शिव की अराधना करते हैं. मान्यता है कि यह अनुष्ठान करने से संतान की प्राप्ति होती है.