श्रीनगर: चमोली जिले के ऐतिहासिक धार्मिक शहर जोशीमठ को बचाने के लिए कई संगठन आज भी आंदोलन कर रहे हैं. जोशीमठ में जो बाईपास बनाया जा रहा है, उसको लेकर आंदोलनकारी अतुल सती ने फिर से सवाल खड़े किए हैं. अतुल सती का कहना है कि जोशीमठ भू-धंसाव के पीड़ितों को अभीतक पूरी तरह से मुआवजा भी नहीं मिला है.
अतुल सती ने क्या कहा: अतुल सती का आरोप है कि सरकार जोशीमठ को बचाने के बजाय इस शहर का अस्तिव खत्म करने पर तुली हुई है. सरकार जोशीमठ में बाईपास बना रही है, जिससे यहां रहने वाले लोगों की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. सरकार लोगों का रोजगार छीनने की साजिश कर रही है.
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अतुल सती ने कहा कि जोशीमठ आपदा को आए एक साल होने वाला है, लेकिन अभी भी अधिकांश लोग दरार पड़े घरों में रहने के मजबूर हैं. क्षतिग्रस्त मकानों के बदले लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. न ही सरकार ने विस्थापन को लेकर कोई ठोस नीति बनाई है. विस्थापन के बजाय सरकार बाईपास बनाने की योजना बना रही है, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार सुन नहीं रही है. सरकार के विरोध में आंदोलन को जारी रखा जाएगा
इंद्रेश मैखुरी ने क्या कहा: वहीं राज्य आंदोलनकारी और भाकपा माले के राष्ट्रीय सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि सरकार ने जोशीमठ आपदा को लेकर विभिन्न सरकारी संस्थानों से सर्वे करवाया था. लेकिन आज तक सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया. सरकार जलविद्युत परियोजना को बचाने की फिराक में है, जबकि सब को पता है कि जोशीमठ का जो हाल है, वो एनटीपीसी द्वारा बनाये जा रहे बांध के कारण ही है. इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि सरकार को जोशीमठ से जुड़ी सारी रिपोर्ट्स को सार्वजनिक करना चाहिए. तभी लोगों को सरकार पर विश्वास होगा.
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