श्रीनगर: बेस अस्पताल श्रीनगर में अव्यवस्थाओं से मरीज और तीमारदार परेशान हैं. समय पर डॉक्टरों के न आने और स्टाफ के मैत्री पूर्ण व्यवहार न करने से तीमारदार अपने मरीज को खुद ही दूसरे अस्पतालों में ले जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. ऐसा एक मामला देखने को मिला है, जहां परिजनों ने इलाज में अनदेखी का आरोप लगाया और अपने मरीज को लेकर देहरादून रवाना हो गए.
दरअसल, ताजा घटना चमोली के पीपलकोटी से आए मरीज के साथ हुआ है. मरीज को पहले जोशीमठ से हायर सेंटर श्रीनगर रेफर किया गया. तीमारदारों का आरोप है कि जब वो बेस अस्पताल पहुंचे तो 24 घंटे तक मरीज का अल्ट्रासाउंड ही नहीं हो सका. डॉक्टर ने भी एक बार मरीज का चेकअप कर इतिश्री कर दी. जबकि, मरीज पेट दर्द से ग्रसित था. ऐसे में मजबूरन परिजनों ने खुद ही मरीज को देहरादून ले जाने का फैसला किया.
परिजनों का आरोप था कि वे लोग मरीज का अल्ट्रासाउंड करने के लिए कहते रहे, लेकिन मरीज का अल्ट्रासाउंड ही नहीं हो सका. डॉक्टरों ने सिर्फ उनसे कहा कि मरीज की आंत अंदर से फट चुकी है. जबकि डॉक्टरों ने मरीज का अल्ट्रासाउंड तक नहीं किया था. इस बीच मरीज के परिजनों और स्टाफ के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं भी हुई.
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जोशीमठ से आए जगदीश भट्ट ने बताया कि उनके बहन के पति पीपलकोटी में रहते हैं. उनके पेट मे तेज दर्द हुआ, वे उन्हें लेकर जोशीमठ अस्पताल गए. जहां से उन्हें हायर सेंटर श्रीनगर के लिए रेफर किया गया. यहां पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि मरीज की आंत फट चुकी है. उनका आरोप था कि जब उन्होंने डॉक्टर से अल्ट्रासाउंड करने को कहा तो मरीज का अल्ट्रासाउंड ही नहीं किया गया.
उनका ये भी आरोप था कि स्टाफ ने भी उनकी बात नहीं सुनी. मजबूरी में उन्हें अपने मरीज को हायर सेंटर देहरादून ले जाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि 24 घंटे के दौरान मात्र एक बार ही डॉक्टर मरीज को देखने आए. स्टाफ का भी बर्ताव उनके साथ अच्छा नहीं रहा. उन्होंने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को भी जमकर कोसा.
इस तरह का कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है. अगर शिकायत मिलती है तो मामले की जांच करवाई जाएगी. -डॉक्टर अजय विक्रम सिंह, एमएस, बेस अस्पताल श्रीनगर