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मानदेय न मिलने पर सड़क पर उतरी आशा वर्कर्स, सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप

प्रदेश में आशा वर्कर्स ने डीएम कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते चेतावनी दी कि अगर हमारी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो हम उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

निर्धारित मानदेय न मिलने पर सड़क पर उतरी आशा बहुएं
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Published : Aug 27, 2019, 3:51 PM IST

पिथौरागढ़: सूबे की सरकार द्वारा चुनाव से पहले निर्धारित मानदेय न दिए जाने पर आशा कार्यकत्रियों ने डीएम कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया. वहीं, नाराज आशा वर्कर्स ने त्रिवेंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. आशा वर्कर्स ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

बता दें कि खंडूरी के कार्यकाल में आशा कार्यकत्रियों के लिए वार्षिक प्रोत्साहन राशि 5 हजार रुपये स्वीकृत हुई थी. जिसे त्रिवेंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले 17 हजार करने का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के बाद वो भी बंद हो गई. जिसके विरोध में आशा कार्यकत्रियों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गयीं, तो वो सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगी जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

निर्धारित मानदेय न मिलने पर सड़क पर उतरी आशा वर्कर्स.
गौरतलब है कि आशा कार्यकत्रियों ने आंध्रप्रदेश की तर्ज पर आशाओं को दस हजार रुपया मानदेय देने की मांग कर रही हैं, साथ उन्होंने राज्य सरकार से पहले की तरह वार्षिक प्रोत्साहन राशि देने की भी मांग की है. वहीं, आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और सरकार के सभी अभियान हमारे द्वारा ही संचालित किए जाते हैं. इस सबके बावजूद ना तो हमें कर्मचारी का दर्जा प्राप्त है और ना ही न्यूनतम वेतनमान ही मिल रहा है. मामले में आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि जो रुपया विभिन्न मदों से उन्हें मिलने वाला होता है वो भी समय पर नहीं मिल पाता है. ऐसे में उन्होंने मांग की है कि उनकी बकाया धनराशि का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए.

पिथौरागढ़: सूबे की सरकार द्वारा चुनाव से पहले निर्धारित मानदेय न दिए जाने पर आशा कार्यकत्रियों ने डीएम कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया. वहीं, नाराज आशा वर्कर्स ने त्रिवेंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. आशा वर्कर्स ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

बता दें कि खंडूरी के कार्यकाल में आशा कार्यकत्रियों के लिए वार्षिक प्रोत्साहन राशि 5 हजार रुपये स्वीकृत हुई थी. जिसे त्रिवेंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले 17 हजार करने का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के बाद वो भी बंद हो गई. जिसके विरोध में आशा कार्यकत्रियों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गयीं, तो वो सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगी जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

निर्धारित मानदेय न मिलने पर सड़क पर उतरी आशा वर्कर्स.
गौरतलब है कि आशा कार्यकत्रियों ने आंध्रप्रदेश की तर्ज पर आशाओं को दस हजार रुपया मानदेय देने की मांग कर रही हैं, साथ उन्होंने राज्य सरकार से पहले की तरह वार्षिक प्रोत्साहन राशि देने की भी मांग की है. वहीं, आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और सरकार के सभी अभियान हमारे द्वारा ही संचालित किए जाते हैं. इस सबके बावजूद ना तो हमें कर्मचारी का दर्जा प्राप्त है और ना ही न्यूनतम वेतनमान ही मिल रहा है. मामले में आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि जो रुपया विभिन्न मदों से उन्हें मिलने वाला होता है वो भी समय पर नहीं मिल पाता है. ऐसे में उन्होंने मांग की है कि उनकी बकाया धनराशि का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए.
Intro:पिथौरागढ़: मानदेय दिए जाने की मांग को लेकर आशा वर्कर्स ने जिला मुख्यालय में जुलूस निकाला और डीएम कार्यालय के आगे प्रदर्शन किया। आशा वर्कर्स का कहना है कि खंडूरी के कार्यकाल में उनके लिए 5 हजार रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि स्वीकृत हुई थी। जिसे त्रिवेंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले 17 हजार करने का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद पूर्व में निर्धारित वार्षिक प्रोत्साहन राशि भी बंद कर दी गयी है। आशा कार्यकर्तियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगे जल्द नही मानी गयी तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा।


Body:उत्तराखंड आशा वर्कर्स यूनियन आंध्रप्रदेश की तर्ज पर आशाओं को दस हजार रुपया मानदेय देने की मांग कर रहे है। साथ ही आशाओं को पूर्व की भांति वार्षिक प्रोत्साहन राशि देने की भी मांग की है। आशाओं का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और सरकार के तमाम अभियान आशाओं के दम पर संचालित हो रहे है। इस सबके बावजूद ना तो आशाओं को कर्मचारी का दर्जा प्राप्त है और ना ही न्यूनतम वेतनमान मिल रहा है। साथ ही आशाओं ने कहा कि जो रुपया विभिन्न मदों से उन्हें मिलता है वो भी समय पर नही दिया जा रहा है। आशाओं ने मांग की है कि उनकी बकाया धनराशि का भी जल्द से जल्द भुगतान किया जाए।

Byte: इंद्रा देउपा, जिलाध्यक्ष, आशा वर्कर यूनियन


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