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पौड़ी में चलाया गया कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, दुग्ध उत्पादन में होगा इजाफा - पौड़ी में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम

पौड़ी में पशुपालन विभाग और ग्रामीण विकास की ओर से कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में किसानों को आय वृद्धि की संभावनाओं के बारे में बताया गया.

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कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में गाय के बच्चों की निरीक्षण करते डीएम.
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Published : Dec 24, 2019, 12:11 PM IST

पौड़ी: पशुपालन विभाग और ग्रामीण विकास की ओर से जिले में किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. कृत्रिम गर्भाधान के बाद गाय के दूध देने की क्षमता में विकास हुआ है. इससे किसानों की आय में वृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएगी.

कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम.

पौड़ी के चौबट्टाखाल में आयोजित कार्यक्रम में कृत्रिम गर्भाधान से उत्पन्न हुए 60 गाय के बच्चों को क्षेत्रीय लोगों को दिखाने के लिए लाया गया. पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ये कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इससे आने वाले समय में किसानों की आय में भी वृद्धि हो पाएगी. पहाड़ों में पाई जाने वाली गायों की नस्लें मात्र चार से पांच लीटर दूध ही दे पाती है, लेकिन इस कृत्रिम गर्भाधान के बाद गाय नौ से दस लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती हैं. इससे कहीं न कहीं किसानों की आय में वृद्धि होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंडः कड़ाके की ठंड और कोहरे ने बढ़ाई मुश्किलें, खराब स्ट्रीट लाइटों से हादसों का खतरा बढ़ा

पहाड़ों में रोजगार के साधन पैदा करने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में जिला प्रशासन की ओर से किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने और पशुपालन के क्षेत्र में अच्छी आमदनी कमाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. जिलाधिकारी पौड़ी की ओर से जिले के दो ब्लॉक को पोखड़ा और एकेश्वर में सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. दोनों ब्लॉकों में ये शुरुआत काफी सकारात्मक रही. अन्य किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए इस कृत्रिम गर्भाधान से पैदा हुई 60 बछियों को लाया गया.

जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह ने बताया कि जिले के किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर अवसर देने और उनकी आय को बढ़ाने के लिए ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था. उन्होंने बताया कि देश में कृत्रिम गर्भाधान की सफलता 40 फीसदी है. लेकिन, पौड़ी जिले में ये 44 फीसदी हासिल हुई है, जिसके लिए उन्होंने पशुपालन विभाग को इसका श्रेय दिया है. उन्होंने बताया कि जिला योजना से इस कार्यक्रम के लिए 40 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है. उनका लक्ष्य है कि करीब ढाई हजार कृत्रिम गर्भाधान करवाए जाएंगे, जिससे आने वाले समय में किसान पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर काम करें और अपनी आमदनी में बढ़ोतरी करें.

पौड़ी: पशुपालन विभाग और ग्रामीण विकास की ओर से जिले में किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. कृत्रिम गर्भाधान के बाद गाय के दूध देने की क्षमता में विकास हुआ है. इससे किसानों की आय में वृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएगी.

कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम.

पौड़ी के चौबट्टाखाल में आयोजित कार्यक्रम में कृत्रिम गर्भाधान से उत्पन्न हुए 60 गाय के बच्चों को क्षेत्रीय लोगों को दिखाने के लिए लाया गया. पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ये कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इससे आने वाले समय में किसानों की आय में भी वृद्धि हो पाएगी. पहाड़ों में पाई जाने वाली गायों की नस्लें मात्र चार से पांच लीटर दूध ही दे पाती है, लेकिन इस कृत्रिम गर्भाधान के बाद गाय नौ से दस लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती हैं. इससे कहीं न कहीं किसानों की आय में वृद्धि होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.

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पहाड़ों में रोजगार के साधन पैदा करने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में जिला प्रशासन की ओर से किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने और पशुपालन के क्षेत्र में अच्छी आमदनी कमाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. जिलाधिकारी पौड़ी की ओर से जिले के दो ब्लॉक को पोखड़ा और एकेश्वर में सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. दोनों ब्लॉकों में ये शुरुआत काफी सकारात्मक रही. अन्य किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए इस कृत्रिम गर्भाधान से पैदा हुई 60 बछियों को लाया गया.

जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह ने बताया कि जिले के किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर अवसर देने और उनकी आय को बढ़ाने के लिए ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था. उन्होंने बताया कि देश में कृत्रिम गर्भाधान की सफलता 40 फीसदी है. लेकिन, पौड़ी जिले में ये 44 फीसदी हासिल हुई है, जिसके लिए उन्होंने पशुपालन विभाग को इसका श्रेय दिया है. उन्होंने बताया कि जिला योजना से इस कार्यक्रम के लिए 40 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है. उनका लक्ष्य है कि करीब ढाई हजार कृत्रिम गर्भाधान करवाए जाएंगे, जिससे आने वाले समय में किसान पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर काम करें और अपनी आमदनी में बढ़ोतरी करें.

Intro:पशुपालन विभाग और ग्रामीण विकास की ओर से जनपद पौड़ी में किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम निकल कर आ रहे हैं पौड़ी के चौबट्टाखाल में आयोजित कार्यक्रम में हाल ही में किए गए इस कृत्रिम गर्भाधान से उत्पन्न हुए 60 बच्चियों को क्षेत्रीय लोगों को दिखाने के लिए लाया गया बताया गया कि पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है और आने वाले समय में किसानों की आय में भी वृद्धि हो पाएगी। पहाड़ों में पाई जाने वाली गायों की नस्लें मात्र 4 से 5 लीटर दूध ही दे पाती है लेकिन इस कृत्रिम गर्भाधान के बाद गाय 9 से 10 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है जिससे कहीं न कहीं किसानों की आय में वृद्धि होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।


Body:पहाड़ों में रोजगार के साधन पैदा करने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है इसी क्रम में जिला प्रशासन की ओर से किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने और पशुपालन के क्षेत्र में अच्छी आमदनी कमाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी पौड़ी की ओर से जनपद पौड़ी के दो ब्लॉक को पोखड़ा और एकेश्वर में सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी दोनों ब्लॉकों में यह शुरुआत काफी सकारात्मक रही अन्य किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए इस कृत्रिम गर्भाधान से पैदा हुई 60 बच्चियों को लाया गया और बताया गया कि पशुपालन के क्षेत्र में अब उनके लिए एक बेहतर रास्ता खुल गया है जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह ने बताया कि जनपद पौड़ी के किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर अवसर देने और उनकी आय को बढ़ाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था उन्होंने बताया कि देश में कृत्रिम गर्भाधान की सफलता 40 फीसदी है लेकिन पौड़ी जिले में यह 44 फीसदी हासिल हुई है जिसके लिए उन्होंने पशुपालन विभाग को इसका श्रेय दिया है उन्होंने बताया कि जिला योजना से इस कार्यक्रम के लिए 40 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है और उनका लक्ष्य है कि करीब ढाई हजार कृत्रिम गर्भाधान करवाए जाएंगे ताकि आने वाले समय में किसान पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर काम करें और अपनी आमदनी में बढ़ोतरी करें। बाईट-धीराज सिंह गर्ब्याल(डीएम पौड़ी)


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