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देश के पहले CDS नियुक्त हुए सेना प्रमुख बिपिन रावत, गृह जनपद में खुशी का माहौल

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Published : Dec 25, 2019, 10:11 AM IST

Updated : Dec 30, 2019, 9:57 PM IST

कैबिनेट ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद को दी थी मंजूरी.जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद 4 स्टार रैंक के बराबर है.

Bipin Rawat
आर्मी चीफ

कोटद्वारः सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया है. सीडीएस पद पर बिपिन रावत का कार्यकाल तीन साल का होगा. उनके सीडीएस पद पर नियुक्त होने की खबर से उनके गृह जनपद में हर्ष का माहौल.हर कोई अपनी-अपनी तरह से उन्हें बधाईयां दे रहा है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा संबंधी समिति ने ये फैसला किया था कि रक्षा स्टाफ के प्रमुख नियुक्त होने वाले अधिकारी फोर स्टार जनरल होंगे. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने की खबर के साथ ही रावत के गृह जिले पौड़ी में बेहद खुशी का माहौल है. इस महत्वपूर्ण पद पर जनरल रावत की ताजपोशी की खबर से लोगों में खुशी देखते ही बन रही है.

पढ़ें- कैंपस हिंसा पर सेना प्रमुख की नाराजगी, दिग्गी-ओवैसी भड़के

गौर हो कि 16 मार्च 1958 को सैन्य परिवार में जन्मे थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत मूलरूप से पौड़ी जनपद के द्वारीखाल ब्लॉक के सैणगांव के रहने वाले हैं. अपने शांत स्वभाव और अपने सरल व्यवहार के लिए विशेष पहचान बना चुके बिपिन रावत को युद्ध प्रबंध में निपुण माना जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक में देखा गया है.

जनरल रावत का अपने गांवसैंण से बहुत लगाव रहा है. यही वजह है कि जनरल बनने के बाद भी उनका अपने पैतृक गांव आना-जाना रहा है. 29 अप्रैल 2018 को भी जनरल रावत अपने पूरे परिवार के साथ अपने कुल देवी देवता की पूजा में शामिल होने गांव पहुंचे थे.

सैन्य पृष्ठभूमि से रहे जनरल बिपिन रावत के पिता मेजर जनरल लक्ष्मण सिंह रावत भी बड़ी शख्सियत रहे हैं. यही जोश और देशसेवा का जज्बा उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली है. जनरल रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने सैन्य जीवन की शुरुआत की.

कोटद्वारः सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया है. सीडीएस पद पर बिपिन रावत का कार्यकाल तीन साल का होगा. उनके सीडीएस पद पर नियुक्त होने की खबर से उनके गृह जनपद में हर्ष का माहौल.हर कोई अपनी-अपनी तरह से उन्हें बधाईयां दे रहा है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा संबंधी समिति ने ये फैसला किया था कि रक्षा स्टाफ के प्रमुख नियुक्त होने वाले अधिकारी फोर स्टार जनरल होंगे. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने की खबर के साथ ही रावत के गृह जिले पौड़ी में बेहद खुशी का माहौल है. इस महत्वपूर्ण पद पर जनरल रावत की ताजपोशी की खबर से लोगों में खुशी देखते ही बन रही है.

पढ़ें- कैंपस हिंसा पर सेना प्रमुख की नाराजगी, दिग्गी-ओवैसी भड़के

गौर हो कि 16 मार्च 1958 को सैन्य परिवार में जन्मे थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत मूलरूप से पौड़ी जनपद के द्वारीखाल ब्लॉक के सैणगांव के रहने वाले हैं. अपने शांत स्वभाव और अपने सरल व्यवहार के लिए विशेष पहचान बना चुके बिपिन रावत को युद्ध प्रबंध में निपुण माना जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक में देखा गया है.

जनरल रावत का अपने गांवसैंण से बहुत लगाव रहा है. यही वजह है कि जनरल बनने के बाद भी उनका अपने पैतृक गांव आना-जाना रहा है. 29 अप्रैल 2018 को भी जनरल रावत अपने पूरे परिवार के साथ अपने कुल देवी देवता की पूजा में शामिल होने गांव पहुंचे थे.

सैन्य पृष्ठभूमि से रहे जनरल बिपिन रावत के पिता मेजर जनरल लक्ष्मण सिंह रावत भी बड़ी शख्सियत रहे हैं. यही जोश और देशसेवा का जज्बा उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली है. जनरल रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने सैन्य जीवन की शुरुआत की.

Intro:summary देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस मिलने का मार्ग साफ हो गया है केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा संबंधी समिति c.c.s. ने मंगलवार को पद के सृजन को मंजूरी दे दी है रक्षा स्टाफ के प्रमुख नियुक्त होने वाले अधिकारी फोर स्टार जनरल होंगे। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ऐसे में इस पद की प्रबल दावेदारी विपिन रावत की मानी जा रही है।

intro kotdwar भारतीय थल सेना के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत से 31 दिसंबर को सेना अध्यक्ष पद से रिटायर होने वाले हैं 16 मार्च 1958 को सैन्य परिवार में जन्मे थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत मूल रूप से पौड़ी जनपद के द्वारीखाल ब्लॉक के सैण गांव के रहने वाले हैं, अपने शांत स्वभाव और अपने सरल व्यवहार के लिए विशेष पहचान बना चुके बिपिन रावत को युद्ध प्रबंध में निपुण माना जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण भारतीय सेना की सर्जिकल स्टॉक में देखा गया है।


Body:वीओ1- जनरल बिपिन सिंह रावत का अपने गांव सैंण से बहुत लगाव रहा है, यही वजह है कि जनरल बनने के बाद भी उनका अपना पैतृक गांव आना-जाना रहा, 29 अप्रैल 2018 को भी जनरल बिपिन रावत ने अपने पूरे परिवार के साथ अपने कुल देवी देवता की पूजा में शामिल होने गांव पहुंचे,
सैन्य पृष्ठभूमि से रहे जनरल बिपिन रावत के पिता लेजर जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना में डिप्टी आर्मी पद से यही जोश और देश सेवा का जज्बा उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला है विपिन रावत 11वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने सैन्य जीवन की शुरुआत की थी।


Conclusion:
Last Updated : Dec 30, 2019, 9:57 PM IST
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