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पौड़ी को एप्पल हब बनाने की तैयारी, कई संस्थाएं करेंगी काश्तकारों को सहयोग

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Published : Oct 19, 2022, 7:44 AM IST

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Uttarakhand Cooperative Minister Dhan Singh Rawat) ने काश्तकारों और इण्डो-डच हॉर्टीकल्चर, कॉपरेटिव फेडरेशन और कोका-कोला के प्रतिनिधियों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया. सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आने वाले दिनों पौड़ी जनपद में सेब की फार्मिंग से काश्तकारों की आर्थिकी मजबूत होगी.

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पौड़ी: जिले में सेब की फार्मिंग (Pauri Apple Farming) को बढ़ावा दिया जा रहा है. सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आने वाले दिनों पौड़ी जनपद में सेब की फार्मिंग काश्तकारों की आर्थिकी को मजबूत करेगी. साथ ही काश्तकारों को एप्पल फार्मिंग की आधुनिक जानकारी दी जाएगी. इण्डो-डच हॉर्टीकल्चर (Indo Dutch Horticulture), कोऑपरेटिव फेडरेशन और कोका-कोला की ओर से जिले में काश्तकारों को एप्पल फार्मिंग के नए और आधुनिक मॉडल से बागवानी विकसित करने की कवायद शुरू हो गयी है.

पौड़ी के विकास भवन सभागार में चिकित्सा, शिक्षा, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Uttarakhand Cooperative Minister Dhan Singh Rawat) ने काश्तकारों और इण्डो-डच हॉर्टीकल्चर, कोऑपरेटिव फेडरेशन और कोका-कोला के प्रतिनिधियों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि आने वाले दिनों में जिले में सेब की खेती लहलहाते हुए नजर आएगी. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ काश्तकारों की आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सकेगा, बल्कि जिले को एप्पल हब के रूप में भी विकसित किया जा सकेगा. काबीना मंत्री ने जनपद में बागवानी क्षेत्र के विकसित करने में विभागों, निजी संस्थानों व स्थानीय मशीनरी को समन्वय बनाकर कार्ययोजना तैयार करने को कहा.
पढ़ें-नैनीताल का रामगढ़ बना हॉर्टी टूरिज्म सेक्टर, 8 एकड़ भूमि पर लहलहा रही सेब की फसल

काबीना मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आने वाले एक वर्ष के भीतर 100 बगीचे सेब के तैयार हो जाएंगे. मंत्री ने कहा कि फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उतारा जा रहा है. जिससे कि दूसरे किसान भी प्रेरणा लेकर भौगोलिक क्षेत्रफल व जलवायु के अनुरूप एप्पल फार्मिंग कर सकेंगे. इससे जिले के काश्तकारों की न सिर्फ आर्थिकी मजबूत होगी बल्कि इससे पलायन भी रुकेगा. उन्होंने कहा कि एप्पल फार्मिंग के लिए काश्तकारों को सरकारी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए उन्होंने काश्तकारों को शून्य ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने को कहा. साथ ही उनको बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने व वित्तीय परामर्श से लेकर बागवानी तैयार करने के तकनीकी जानकारियां भी संस्थाओं द्वारा दी जाएगी.
पढ़ें-देवभूमि में महके सेब के बगीचे, देखें खूबसूरत तस्वीरें

धन सिंह रावत ने कहा कि इस योजना का लाभ उन किसानों को ही मिलेगा जिनको पहले किसी भी सरकारी योजना में सब्सिडी का लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि जिन किसानों को एक या दो योजनाओं में सब्सिडी का लाभ पहले ही मिल चुका है, उनको अन्य योजनाओं में सब्सिडी न दिये जाने को कहा है. साथ ही काबीना मंत्री ने स्पष्ट किया कि पूर्व में जिन किसानों ने पॉलीहाउस तथा कृषि बागवानी को लेकर सब्सिडी ली है, उनका भी सत्यापन किया जाएगा.

पौड़ी: जिले में सेब की फार्मिंग (Pauri Apple Farming) को बढ़ावा दिया जा रहा है. सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आने वाले दिनों पौड़ी जनपद में सेब की फार्मिंग काश्तकारों की आर्थिकी को मजबूत करेगी. साथ ही काश्तकारों को एप्पल फार्मिंग की आधुनिक जानकारी दी जाएगी. इण्डो-डच हॉर्टीकल्चर (Indo Dutch Horticulture), कोऑपरेटिव फेडरेशन और कोका-कोला की ओर से जिले में काश्तकारों को एप्पल फार्मिंग के नए और आधुनिक मॉडल से बागवानी विकसित करने की कवायद शुरू हो गयी है.

पौड़ी के विकास भवन सभागार में चिकित्सा, शिक्षा, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Uttarakhand Cooperative Minister Dhan Singh Rawat) ने काश्तकारों और इण्डो-डच हॉर्टीकल्चर, कोऑपरेटिव फेडरेशन और कोका-कोला के प्रतिनिधियों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि आने वाले दिनों में जिले में सेब की खेती लहलहाते हुए नजर आएगी. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ काश्तकारों की आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सकेगा, बल्कि जिले को एप्पल हब के रूप में भी विकसित किया जा सकेगा. काबीना मंत्री ने जनपद में बागवानी क्षेत्र के विकसित करने में विभागों, निजी संस्थानों व स्थानीय मशीनरी को समन्वय बनाकर कार्ययोजना तैयार करने को कहा.
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काबीना मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आने वाले एक वर्ष के भीतर 100 बगीचे सेब के तैयार हो जाएंगे. मंत्री ने कहा कि फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उतारा जा रहा है. जिससे कि दूसरे किसान भी प्रेरणा लेकर भौगोलिक क्षेत्रफल व जलवायु के अनुरूप एप्पल फार्मिंग कर सकेंगे. इससे जिले के काश्तकारों की न सिर्फ आर्थिकी मजबूत होगी बल्कि इससे पलायन भी रुकेगा. उन्होंने कहा कि एप्पल फार्मिंग के लिए काश्तकारों को सरकारी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए उन्होंने काश्तकारों को शून्य ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने को कहा. साथ ही उनको बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने व वित्तीय परामर्श से लेकर बागवानी तैयार करने के तकनीकी जानकारियां भी संस्थाओं द्वारा दी जाएगी.
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धन सिंह रावत ने कहा कि इस योजना का लाभ उन किसानों को ही मिलेगा जिनको पहले किसी भी सरकारी योजना में सब्सिडी का लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि जिन किसानों को एक या दो योजनाओं में सब्सिडी का लाभ पहले ही मिल चुका है, उनको अन्य योजनाओं में सब्सिडी न दिये जाने को कहा है. साथ ही काबीना मंत्री ने स्पष्ट किया कि पूर्व में जिन किसानों ने पॉलीहाउस तथा कृषि बागवानी को लेकर सब्सिडी ली है, उनका भी सत्यापन किया जाएगा.

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