श्रीनगर: अंकिता हत्याकांड को लेकर SIT 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है. एसआईटी केस को मजबूत करने के लिए देहरादून FSL और चंडीगढ़ CFSL लैब के 4 सैंपलों की प्रारंभिक रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है. साथ ही इसमें डीएनए, बिसरा और कई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जैसे महत्वपूर्ण सैंपलों की FSL रिपोर्ट आना बाकी है. जिसे लेकर भी जांच चल रही है. वहीं, इस सबके बीच अंकिता के पिता का बयान सामने आया है. अंकिता भंडारी के पिता ने कहा वे एसआईटी की जांच से सतुंष्ट नहीं हैं. अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा वे इस पूरे मामले की सीबीआई जांच चाहते हैं.
अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder case) के बाद अब आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के लिए विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर नई मुहिम शुरू (Organizations Protest in Pauri) कर दी है. लोग आरोपियों को सख्त सजा दिलाए जाने को लेकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार को पौड़ी स्थित अंकिता भंडारी के गांव डोभ श्रीकोट से श्रीनगर तक पदयात्रा शुरू हो गई है. इस पदयात्रा को तिरंगा यात्रा का नाम दिया गया है. ये तिरंगा यात्रा अंकिता के घर से शुरू होते हुए वनंत्रा रिजॉर्ट तक आयोजित की जाएगी.
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क्या है मामला: बता दें कि 19 साल की अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक क्षेत्र में स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. वनंत्रा रिसॉर्ट बीजेपी से निकाल गए बड़े नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य का है. आरोप है कि पुलकित आर्य अंकिता भंडारी पर रिसॉर्ट में आने वाले गेस्टों को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बना रहा था, जिसके लिए अंकिता भंडारी ने मना कर दिया था. इसी वजह से अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी. इसी वजह से अंकिता भंडारी नौकरी भी छोड़ने वाली थी.
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आरोप है कि पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता भंडारी रिसॉर्ट में हो रहे गलत कामों और उसके राज का पर्दाफाश कर देगी. इसी डर से पुलकित आर्य 18 सितंबर शाम को बहस होने के बाद अंकिता भंडारी को किसी बहाने से ऋषिकेश लेकर गया.
इस दौरान पुलकित आर्य के साथ उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता भी थे. इन तीनों ने अपने इकबाल-ए-जुर्म में पुलिस को बताया था कि 18 सितंबर शाम को ही उन्होंने बीच रास्ते में चीला नहर में धक्क देकर अंकिता की हत्या कर दी थी. अंकिता की लाश 24 सितंबर चीला नहर से बरामद हुई है. अभी तीनों आरोपी जेल में बंद हैं. इस मामले की जांच के लिए सरकार ने डीआईजी पी रेणुका के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था, जो इस मामले में तफ्तीश कर रही है.