श्रीनगरः अंकिता भंडारी की मां की अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उन्हें श्रीनगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (बेस अस्पताल) में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें अपनी 24 घंटे निगरानी में रखा और इलाज किया. जिसके बाद आज सुबह उन्हें डॉक्टरों की सलाह पर डिस्चार्ज कर दिया गया है. अंकिता की मां की तबीयत खराब होने की सूचना मिलते ही पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अस्पताल पहुंचे और हालचाल जाना.
दरअसल, अंकिता भंडारी की मां अपनी बेटी की न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं. बीते रोज यानी गुरुवार को गांव में उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. जिसके बाद उन्हें श्रीनगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया और सुबह करीब 10 बजे उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें अपनी निगरानी रखा और लगातार उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर बनाए रखी. आज स्वास्थ्य में सुधार होने पर सुबह 10 बजे उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया.
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के एमएस रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि अंकिता की मां का बीपी यानी रक्त चाप (Blood Pressure) बढ़ रहा था. जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया. अब उनका बीपी नॉर्मल है और सभी से सही से बातचीत कर पा रही हैं. डॉक्टरों की निगरानी में उनका चेकअप किया गया. उन्हें 24 घंटे तक डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन में रखा गया था.
हरक सिंह रावत और अनुकृति गुसाईं ने जाना हालः वहीं, अंकिता की मां की तबीयत खराब होने की सूचना पर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और अनुकृति गुसाईं उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने अंकिता की माता जी से मिलकर उनका हालचाल पूछा. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो अपनी तरफ से हर संभव मदद करेंगे. इसके अलावा उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि पूरे मामले में सरकार ठीक से जांच नहीं कर रही है. सीबीआई को मामले की जांच करनी चाहिए.
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अंकिता भंडारी मर्डर केस: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.
वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर कांग्रेसियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जमकर हंगामा भी किया, लेकिन स्थिति की नजाकत को देखते हुए डॉक्टरों के पैनल ने हाथों-हाथ रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान मिले. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि 28 अगस्त से रिजॉर्ट में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से ही मालिक और उसके सहयोगी उसे प्रताड़ित कर रहे थे. वहीं, श्रीनगर में अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काफी बवाल भी हुआ था.
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