पौड़ी: अंकिता भंडारी हत्याकांड का मामला अभी भी सुर्खियों में है. बीते दिनों अंकिता की मां सोनी देवी ने सोशल मीडिया पर आत्मदाह की चेतावनी देते हुए एक वीडियो जारी किया था. जिसके बाद सोमवार को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पौड़ी के डोभ श्रीकोट गांव पहुंचकर अंकिता के परिजनों से मुलाकात की. करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद गोदियाल ने बताया कि अंकिता के परिजनों को अब सरकारी वकील की कार्यशैली पर संदेह है. इस कारण परिजन अब सरकारी वकील (पब्लिक प्रोसिक्युटर) को हटाने की मांग की है.
गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार दिवंगत बेटी के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में नहीं दिखाई दे रही है. इस कारण सरकार उनकी मांग को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि हत्याकांड के 10 महीने बीतने के बाद भी उस वीआईपी का नाम आज तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. गोदियाल ने प्रदेश सरकार से पूछा कि अभी तक यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में क्यों नहीं भेजा गया?
गोदियाल ने कहा कि दिवंगत बेटी को न्याय दिलाने के लिए सरकार ने मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कही थी. दिवंगत अंकिता की मां सोनी देवी कोटद्वार न्यायालय में चल रहे मामले में विशेष लोक अभियोजक को हटाने की मांग कर रही है. उनका कहना है कि वकील द्वारा बयानों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. इससे परिजनों में काफी असंतोष है.
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तीसरी बार परिजनों से मिलने पहुंचे गोदियाल: गणेश गोदियाल ने कहा कि यह तीसरा मौका है, जब वे भंडारी दंपत्ति से मिलने उनके घर पहुंचे. मामले में परिजनों द्वारा जो भी सहयोग की मांग की जाएगी, उसे पूरा किया जाएगा. उन्होंने आम जनता से भी अंकिता के परिजनों का साथ देने की अपील की.
आंदोलन की दी चेतावनी: दिवंगत अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने मामले में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया. कहा कि एक हफ्ते के भीतर विशेष लोक अभियोजन को केस से नहीं हटाया गया तो परिजन आंदोलन को मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी डीएम से मिलकर सरकारी वकील को हटाने की गुहार लगाई थी. लेकिन अब शासन-प्रशासन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है.