टिहरी: प्रदेश में हो रही भारी बारिश के बाद प्रदेश के कई जिलों में नेशनल हाईवे सहित कई मोटर मार्ग बंद हो गए हैं. सड़क बंद होने की वजह से कई वाहन भी मार्ग में फंस हुए हैं. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, ताजा तस्वीरें जो सामने आ रही हैं, वह ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाईवे 94 की हैं. जहां भारी बारिश के चलते फकोट-आराखाल के बीच सड़क पूरी तरह से जमींदोज हो गई है. वहीं, जिला प्रशासन ने एहतियातन स्थिति सामान्य होने तक आम लोगों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए एनएच-94 पर नरेंद्रनगर से चंबा तक यातायात को तत्काल प्रभाव से पूर्व रूप से प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है.
गौर हो कि प्रदेश में बारिश आफत बनकर टूट रही है. भारी बारिश के चलते ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे फकोट-आराखाल के बीच बाधित हो गया है. वहीं, बारिश के चलते यहां सड़क का नामोनिशान मिट गया है. तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि बारिश का पानी सड़क को पूरी तरह अपने साथ बहा ले गया है. ऐसे में इस मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से ठप है और सड़क के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लगा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, NH-94 बेमुंडा के पास मलबा आने से मार्ग अवरूद्ध है. वहीं, नरेन्द्रनगर से आगे कारमल स्कूल के पास भी हाईवे पर मलबा आने के कारण यातायात अवरुद्ध है.
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वहीं, सड़क के बह जाने के चलते ऋषिकेश से चंबा आने-जाने वाले लोग मार्ग पर ही फंस गए हैं. बारिश से कारण जमींदोज हुई सड़क के चलते अब निर्माणदायी कंपनी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि, ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. ऐसे में सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. वहीं, सड़क बह जाने की सूचना पर राजमार्ग विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए हैं. जिलाधिकारी ईवा आशीष ने कहा कि मार्ग पर मलबा और बोल्डर किसी भी समय गिर रहे हैं, इसलिए मार्ग आवाजाही के लिए सुरक्षित नहीं है. जिस कारण मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने लोगों को मार्ग के बारे में जानकारी लेने के बाद यातायात करने की अपील की है.
बहरहाल, प्रदेश में मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ है. बीते दो दिनों प्रदेश में अधिकांश इलाकों में बारिश हो रही है, जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, बारिश में प्रदेश के पर्वतीय जिलों में यात्रा करना इन दिनों खतरे से खाली नहीं है, पहाड़ी से गिर रहा मलबा और बोल्डर हादसे को दावत दे रहे हैं.
क्या है चारधाम प्रोजेक्ट की ऑलवेदर रोड?
चारधाम ऑलवेदर रोड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी. जैसा कि नाम से जाहिर है कि यहां बनने वाली सड़कों को हर मौसम के हिसाब से बनाया जाएगा. हिमालयी क्षेत्रों में बरसात के मौसम में अक्सर पहाड़ों के दरकने से सड़कें टूट जाती हैं और रास्ते बंद हो जाते हैं. लेकिन यह समस्या सड़क की नहीं, पहाड़ों की है. इस प्रोजेक्ट में करीब 900 किमी लंबी सड़क को चौड़ा किया जाना है.
यह सड़क उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, युमनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की कनेक्टिविटी वाली सड़क है. यह सड़क कैलास मानसरोवर तक भी जाती है. चारधाम प्रोजेक्ट की ऑलवेदर रोड न केवल उत्तराखंड सरकार बल्कि भारत सरकार के लिए भी काफी अहम है. राज्य और केंद्र सरकार के लिए यह प्रोजेक्ट धार्मिक पर्यटन की वजह से काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.