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नई शिक्षा नीति का ऑल इंडिया डीएसओ छात्र संगठन ने किया विरोध - Higher Education Commission of India

शनिवार को श्रीनगर में ऑल इंडिया डीएसओ छात्र संगठन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विरोध में प्रदर्शन किया है. इस दौरान संगठन के छात्रों ने कहा कि नई शिक्षा निति शिक्षा के चौतरफा निजीकरण, व्यापारीकरण, व्यावसायीकरण व सांप्रदायिकीकरण को बढ़ावा देने वाली है.

Srinagar
नई शिक्षा नीति का ऑल इंडिया डीएसओ छात्र संगठन ने किया विरोध
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Published : Aug 8, 2020, 9:11 PM IST

श्रीनगर: शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का ऑल इंडिया डीएसओ छात्र संगठन ने विरोध करते हुए श्रीनगर के स्थानीय गोला पार्क में प्रदर्शन किया है. इस दौरान संगठन के छात्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी प्रदान की है वह शिक्षा के चौतरफा निजीकरण, व्यापारीकरण, व्यावसायीकरण व सांप्रदायिकीकरण को बढ़ावा देने वाली है.

इस दौरान छात्र-छात्राओं का कहाना था कि नई शिक्षा नीति के निर्धारण में सारी जनवादी प्रक्रियाओं को ताक पर रखते हुए शिक्षाविदों, छात्र व शिक्षक संगठनों के सुझावों को पूरी तरह दरकिनार किया गया है, उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति देश में शिक्षा व्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डालेगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा निति के तहत तीन से छह साल की उम्र के बच्चों की शिक्षण प्रक्रिया उन आंगनबाड़ियों के हाथ में सौंप दी जाएगी जो पहले से ही वेंटिलेटर पर है.

पढे़- धर्मनगरी से फूंका था राम मंदिर आंदोलन का बिगुल, 500 साल का सपना हुआ साकार

वहीं, छात्रों ने कहा कि कक्षा तीन, पांच व आठ में ओपन लर्निंग को लागू कर और कक्षा एक से आठ तक फेल न करने की नीति को जस का तस लागू रखना पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही संकट में डाल देगा. उन्होंने कहा कि हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) का गठन शिक्षा पर अफरशाही के शिंकजे को और मजबूत करेगा.

श्रीनगर: शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का ऑल इंडिया डीएसओ छात्र संगठन ने विरोध करते हुए श्रीनगर के स्थानीय गोला पार्क में प्रदर्शन किया है. इस दौरान संगठन के छात्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी प्रदान की है वह शिक्षा के चौतरफा निजीकरण, व्यापारीकरण, व्यावसायीकरण व सांप्रदायिकीकरण को बढ़ावा देने वाली है.

इस दौरान छात्र-छात्राओं का कहाना था कि नई शिक्षा नीति के निर्धारण में सारी जनवादी प्रक्रियाओं को ताक पर रखते हुए शिक्षाविदों, छात्र व शिक्षक संगठनों के सुझावों को पूरी तरह दरकिनार किया गया है, उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति देश में शिक्षा व्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डालेगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा निति के तहत तीन से छह साल की उम्र के बच्चों की शिक्षण प्रक्रिया उन आंगनबाड़ियों के हाथ में सौंप दी जाएगी जो पहले से ही वेंटिलेटर पर है.

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वहीं, छात्रों ने कहा कि कक्षा तीन, पांच व आठ में ओपन लर्निंग को लागू कर और कक्षा एक से आठ तक फेल न करने की नीति को जस का तस लागू रखना पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही संकट में डाल देगा. उन्होंने कहा कि हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) का गठन शिक्षा पर अफरशाही के शिंकजे को और मजबूत करेगा.

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