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बढ़ा अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का खतरा, श्रीनगर में 300 सुअरों की मौत - श्रीनगर में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से 300 सुअरों की मौत

अफ्रीकन स्वाइन फीवर को लेकर अब श्रीनगर में भी दहशत का माहौल है. अभी तक श्रीनगर में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के चलते करीब 300 से अधिक सुअरों की मौत हो गई है. ऐसे में सभी जिंदा सुअरों को मारने का आदेश जारी किया गया है.

बढ़ा अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का खतरा
बढ़ा अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का खतरा
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Published : Jul 30, 2022, 7:44 PM IST

श्रीनगर: अफ्रीकन स्वाइन फीवर को लेकर अब श्रीनगर में भी दहशत का माहौल है. शहर में बड़ी संख्या में सुअरों के मरने के बाद पशुपालन विभाग एवं नगर निगम हरकत में आया है. जांच करने पर सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. जिला प्रशासन के मुताबिक अभी तक श्रीनगर में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के चलते करीब 300 से अधिक सुअरों की मौत हो गई है.

ऐसे में पशुपालन विभाग एवं नगर निगम ने बचे हुए सुअरों को मारे जाने का निर्णय लिया है. इसके बदले में सुअर पालकों को मुआवजा दिया जाएगा. जिसके तहत सुअरों के वजन के मुताबिक उनके मालिकों को 2200 न्यूनतम और 15 हजार अधिकतम मुआवजा देने का फैसला लिया है.

पढ़ें: उत्तराखंड में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से दहशत, पशुपालन मंत्री बहुगुणा बोले- अब मामलों में आ रही कमी

इस संदर्भ में एसडीएम श्रीनगर के निर्देश पर सुअर पालकों के साथ निगम एवं पशुपालन विभाग की बैठक भी हुई है. निगम के स्वास्थ्य निरीक्षक शशि पंवार ने बताया कि श्रीनगर में सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. ऐसे में सभी जिंदा सुअरों को मारने का निर्णय लिया गया है.

क्या है अफ्रीकन स्वाइन फीवर या फ्लू? अफ्रीकन स्वाइन फीवर एक अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सुअरों को संक्रमित करता है. इसके संक्रमण से सुअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं. इस बीमारी को पहली बार 1920 के दशक में अफ्रीका में देखा गया था.

इस रोग में मृत्यु दर 100 प्रतिशत के करीब होती है और इस बुखार का अभी तक कोई इलाज नहीं है. इसके संक्रमण को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है. वहीं, जो लोग इस बीमारी से ग्रसित सुअरों के मांस का सेवन करते हैं उनमें तेज बुखार, अवसाद सहित कई गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं.

श्रीनगर: अफ्रीकन स्वाइन फीवर को लेकर अब श्रीनगर में भी दहशत का माहौल है. शहर में बड़ी संख्या में सुअरों के मरने के बाद पशुपालन विभाग एवं नगर निगम हरकत में आया है. जांच करने पर सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. जिला प्रशासन के मुताबिक अभी तक श्रीनगर में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के चलते करीब 300 से अधिक सुअरों की मौत हो गई है.

ऐसे में पशुपालन विभाग एवं नगर निगम ने बचे हुए सुअरों को मारे जाने का निर्णय लिया है. इसके बदले में सुअर पालकों को मुआवजा दिया जाएगा. जिसके तहत सुअरों के वजन के मुताबिक उनके मालिकों को 2200 न्यूनतम और 15 हजार अधिकतम मुआवजा देने का फैसला लिया है.

पढ़ें: उत्तराखंड में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से दहशत, पशुपालन मंत्री बहुगुणा बोले- अब मामलों में आ रही कमी

इस संदर्भ में एसडीएम श्रीनगर के निर्देश पर सुअर पालकों के साथ निगम एवं पशुपालन विभाग की बैठक भी हुई है. निगम के स्वास्थ्य निरीक्षक शशि पंवार ने बताया कि श्रीनगर में सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. ऐसे में सभी जिंदा सुअरों को मारने का निर्णय लिया गया है.

क्या है अफ्रीकन स्वाइन फीवर या फ्लू? अफ्रीकन स्वाइन फीवर एक अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सुअरों को संक्रमित करता है. इसके संक्रमण से सुअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं. इस बीमारी को पहली बार 1920 के दशक में अफ्रीका में देखा गया था.

इस रोग में मृत्यु दर 100 प्रतिशत के करीब होती है और इस बुखार का अभी तक कोई इलाज नहीं है. इसके संक्रमण को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है. वहीं, जो लोग इस बीमारी से ग्रसित सुअरों के मांस का सेवन करते हैं उनमें तेज बुखार, अवसाद सहित कई गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं.

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