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त्योहार पर सेहत का रखें ख्याल, मिलावटखोरों से रहें सावधान

होली का त्योहार के चलते मिठाई की दुकानों में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में मिठाई को बनाने के लिए प्रयोग में लाने वाले सामान जैसे दूध, मावा और घी की मांग भी बढ़ने लगी है. जिसके चलते मिलावटखोरी का खतरा भी बढ़ जाता है.

त्योहारों पर मिलावटखोरी.
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Published : Mar 20, 2019, 10:34 AM IST

पौड़ी: होली का त्योहार के चलते मिठाई की दुकानों में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में मिठाई को बनाने के लिए प्रयोग में लाने वाले सामान जैसे दूध, मावा और घी की मांग भी बढ़ने लगी है. जिसके चलते मिलावटखोरी का खतरा भी बढ़ जाता है और मिठाईयों में मिलावटखोर सोडा, डिटर्जेंट, कॉस्टिक सोडा, यूरिया आदि का प्रयोग करते हैं. जोकि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है.

त्योहारों पर मिलावटखोरी.

बता दें कि त्योहार के समय मिठाईयों की मांग काफी बढ़ जाती है. जिसके चलते मिलावटखोरों को दूध और अन्य उत्पादों में मिलावट करने का मौके मिल जाता है. ऐसे में खाद्य विभाग भी समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाता है. लेकिन कुछ शातिर मिलावटखोर खाद्य विभाग की नजरों से बचकर दुकानों तक अपने मिलावटी सामान को पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं. जिस वजह से ग्राहकों को खुद सतर्क रहने की आवश्यकता है.

पढ़ें:अधिवक्ताओं के चेंबर मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने दिखाई सख्ती

दुकानदार दिनेश रावत बताते हैं कि वे अपनी दुकान में लंबे समय से एक ही कंपनी का मावा प्रयोग करते आए हैं. लेकिन त्योहार के समय उनकी मांग अधिक बढ़ जाती है और मिलावटखोरों द्वारा भी उसी तरह की पैकिंग में सामान बेचा जाता है. इसलिए वह सतर्क रहते हैं और मावा खरीदते समय उसका परीक्षण करते हैं. किसी प्रकार कीशिकायत पर वह उसे तुरंत वापस करवा देते है. उन्होंने बताया कि वे खुद सतर्क रहकर त्योहारों के समय सभी उत्पादों का ध्यान रखते हैं. ताकि मिलावट वाली मिठाई का दुष्प्रभाव उनके ग्राहकों पर न पड़े.

पौड़ी: होली का त्योहार के चलते मिठाई की दुकानों में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में मिठाई को बनाने के लिए प्रयोग में लाने वाले सामान जैसे दूध, मावा और घी की मांग भी बढ़ने लगी है. जिसके चलते मिलावटखोरी का खतरा भी बढ़ जाता है और मिठाईयों में मिलावटखोर सोडा, डिटर्जेंट, कॉस्टिक सोडा, यूरिया आदि का प्रयोग करते हैं. जोकि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है.

त्योहारों पर मिलावटखोरी.

बता दें कि त्योहार के समय मिठाईयों की मांग काफी बढ़ जाती है. जिसके चलते मिलावटखोरों को दूध और अन्य उत्पादों में मिलावट करने का मौके मिल जाता है. ऐसे में खाद्य विभाग भी समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाता है. लेकिन कुछ शातिर मिलावटखोर खाद्य विभाग की नजरों से बचकर दुकानों तक अपने मिलावटी सामान को पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं. जिस वजह से ग्राहकों को खुद सतर्क रहने की आवश्यकता है.

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दुकानदार दिनेश रावत बताते हैं कि वे अपनी दुकान में लंबे समय से एक ही कंपनी का मावा प्रयोग करते आए हैं. लेकिन त्योहार के समय उनकी मांग अधिक बढ़ जाती है और मिलावटखोरों द्वारा भी उसी तरह की पैकिंग में सामान बेचा जाता है. इसलिए वह सतर्क रहते हैं और मावा खरीदते समय उसका परीक्षण करते हैं. किसी प्रकार कीशिकायत पर वह उसे तुरंत वापस करवा देते है. उन्होंने बताया कि वे खुद सतर्क रहकर त्योहारों के समय सभी उत्पादों का ध्यान रखते हैं. ताकि मिलावट वाली मिठाई का दुष्प्रभाव उनके ग्राहकों पर न पड़े.

Intro:होली का त्योहार नजदीक है और पौड़ी में सभी मिठाई की दुकानों में मिठाई खरीदने वाले लोगों की लंबी लाइनें लगी है। वही मिठाई को बनाने के लिए प्रयोग में लाने वाले सामान दूध मावे और घी की आवश्यकता होती है त्यौहार के समय इनकी मांग भी अधिक बढ़ने से मिलावटखोरो का खतरा भी बढ़ जाता है। मिलावटखोर उत्पादों में सोडा, डिटर्जेंट, कॉस्टिक सोडा, यूरिया आदि का प्रयोग करते है। जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है।


Body:मिठाई बनाने वाले दुकानदारों को या विशेष रूप से ध्यान रखना होगा कि त्योहारों के समय मिलावट करो से बचा जाए मिठाई बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले दूध मावे की की अधिक मात्रा की आवश्यकता होने पड़ती है इसलिए उन्हें सभी उत्पादों का सही से परीक्षण करना चाहिए ताकि त्योहार के समय मिठाई खाने वाले किसी भी व्यक्ति के शरीर पर इसका दुष्प्रभाव ना पड़े। त्योहार के समय मांग अधिक बढ़ने के कारण मिलावटखोरो से सतर्क हो जाते हैं और कंपनी की बनी पैकिंग में अपना मिलावटी सामान बेचते हैं इसलिए खाद्य विभाग भी समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाता है लेकिन कुछ शातिर मिलावटी उनकी नजरों से बचकर दुकानों तक अपने मिलावट वाले सामान को पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं इसके बाद दुकानदारों को खुद भी सतर्क रहना चाहिए कि जो मिठाई को बनाने में प्रयोग कर रहे हैं वह समान मिलावटी ना हो।


Conclusion: दुकानदार दिनेश रावत बताते हैं कि अपनी दुकान की मिठाई के लिए लंबे समय से एक ही कंपनी का मावा प्रयोग करते हैं और दूध चीनी आदि भी अच्छी पैकिंग का स्तेमाल करते हैं लेकिन त्योहार का समय होने के कारण उनकी मांग अधिक बढ़ जाती है और मिलावटखोरो के द्वारा उसी तरह की पैकिंग में सामान बेचा जाता है। इलिए वह सतर्क रहते हैं और मावा खरीदने के बाद मशीन में डालकर उसका परीक्षण करते हैं यदि उसमें किसी प्रकार की कोई शिकायत उन्हें देखने को मिलती है तो वह उसे तुरंत वापस करवा देंगे लेकिन आज तक उन्हें किसी प्रकार की कोई कमी और शिकायत देखने को नहीं मिली और जो भी व्यक्ति उनकी दुकान से कोई भी उत्पाद खरीदते उन्होंने कोई शिकायत आज तक उन्हें नहीं की। वह खुद भी सतर्क होकर त्योहारों के समय सभी उत्पादों पर ध्यान रखते है। ताकि मिलावट वाली मिठाई का दुष्प्रभा उनके ग्राहकों के शरीर पर न पड़े।
बाईट-दिनेश रावत(दुकानदार)
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