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श्रीनगर में अतिक्रमण के खिलाफ चला प्रशासन का डंडा, कोटद्वार में भी जल्द होगी कार्रवाई

श्रीनगर में जहां अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत हो चुकी है, तो वहीं कोटद्वार में भी जल्द ही हाईकोर्ट ने निर्देश पर नगर निगम अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है.

srinagar
अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई.
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Published : Dec 15, 2020, 4:59 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 4:41 PM IST

कोटद्वार/श्रीनगर: शहर में मंगलवार को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत की. प्रशासन ने डेयरी से लेकर उफलड़ा और एनएच-58 के किनारे किए गए अभितक्रमण को हटाया. इस अभियान में तहसील प्रशासन के साथ एनएच, लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका के अधिकारी मौजूद रहें.

पहले दिन अतिक्रमण के खिलाफ जो कार्रवाई की गई. उसका किसी ने विरोध नहीं किया. अतिक्रमण हटाने से पहले एनएच के अधिकारियों ने सभी को नोटिस भेजा था. प्रशासन के मुताबिक अगले दो दिनों तक शहर में आतिक्रमण के खिलाफ इसी तरह का अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान कच्चे और पक्के दोनों तरह के अतिक्रमणों को हटाया जाएगा. उप जिलाधिकारी श्रीनगर रविद्र सिंह ने बताया कि पहले दिन पक्के ओर कच्चे दोनों प्रकार के अतिक्रमण हटाये गए हैं. ये अभियान तब तक जारी रहेगा. जब तक शहर को अतिक्रमण मुक्त न कर दिया जाए.

श्रीनगर में अतिक्रमण के खिलाफ चला प्रशासन का डंडा

पढ़ें- हरिद्वार: प्लास्टिक वेस्ट मैंनेजमेंट को लेकर डीएम ने की बैठक

कोटद्वार में भी होगी अतिक्रमण में खिलाफ कार्रवाई

कोटद्वार में राष्ट्रीय राजमार्ग-534 पर हुए अतिक्रमण और नगर निगम की नजूल भूमि पर हुए अवैध कब्जे पर प्रशासन की टीम कभी भी कार्रवाई कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक नगर निगम ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देशानुसार कोटद्वार नगर निगम जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. इसके लिए नगर निगम और प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. कोटद्वार नगर निगम ने लालबत्ती चौक से मालवीय उद्यान तक 137 अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं. व्यापारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस भेजा जा रहा है, यदि फिर भी व्यापारी अतिक्रमण नहीं हटाते हुए उन्हें उनके निर्माण का जेसीबी से ध्वस्त किया जाएगा.

बता दें कि स्थानीय निवासी मुजीब नैथानी ने नगर क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगर निगम को दो माह के भीतर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं नजूल भूमि से अतिक्रमण को हटाने के आदेश जारी किए थे. अब निगम के पास 18 जनवरी तक का समय है. बचे हुए समय में नगर निगम को कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग व नगर निगम की नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाकर हाई कोर्ट के समक्ष दस्तावेजों के साथ पेश होना होगा.

कोटद्वार/श्रीनगर: शहर में मंगलवार को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत की. प्रशासन ने डेयरी से लेकर उफलड़ा और एनएच-58 के किनारे किए गए अभितक्रमण को हटाया. इस अभियान में तहसील प्रशासन के साथ एनएच, लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका के अधिकारी मौजूद रहें.

पहले दिन अतिक्रमण के खिलाफ जो कार्रवाई की गई. उसका किसी ने विरोध नहीं किया. अतिक्रमण हटाने से पहले एनएच के अधिकारियों ने सभी को नोटिस भेजा था. प्रशासन के मुताबिक अगले दो दिनों तक शहर में आतिक्रमण के खिलाफ इसी तरह का अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान कच्चे और पक्के दोनों तरह के अतिक्रमणों को हटाया जाएगा. उप जिलाधिकारी श्रीनगर रविद्र सिंह ने बताया कि पहले दिन पक्के ओर कच्चे दोनों प्रकार के अतिक्रमण हटाये गए हैं. ये अभियान तब तक जारी रहेगा. जब तक शहर को अतिक्रमण मुक्त न कर दिया जाए.

श्रीनगर में अतिक्रमण के खिलाफ चला प्रशासन का डंडा

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कोटद्वार में भी होगी अतिक्रमण में खिलाफ कार्रवाई

कोटद्वार में राष्ट्रीय राजमार्ग-534 पर हुए अतिक्रमण और नगर निगम की नजूल भूमि पर हुए अवैध कब्जे पर प्रशासन की टीम कभी भी कार्रवाई कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक नगर निगम ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देशानुसार कोटद्वार नगर निगम जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. इसके लिए नगर निगम और प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. कोटद्वार नगर निगम ने लालबत्ती चौक से मालवीय उद्यान तक 137 अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं. व्यापारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस भेजा जा रहा है, यदि फिर भी व्यापारी अतिक्रमण नहीं हटाते हुए उन्हें उनके निर्माण का जेसीबी से ध्वस्त किया जाएगा.

बता दें कि स्थानीय निवासी मुजीब नैथानी ने नगर क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगर निगम को दो माह के भीतर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं नजूल भूमि से अतिक्रमण को हटाने के आदेश जारी किए थे. अब निगम के पास 18 जनवरी तक का समय है. बचे हुए समय में नगर निगम को कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग व नगर निगम की नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाकर हाई कोर्ट के समक्ष दस्तावेजों के साथ पेश होना होगा.

Last Updated : Dec 17, 2020, 4:41 PM IST
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