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कोटद्वार नगर निगम की टीम को देख सब्जी बेचने वालों में मची भगदड़, व्यापारियों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप - कोटद्वार में सब्जी बेचने वालो पर अतिक्रमण की कार्रवाई

शहर में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन और नगर निगम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया. जिसके तहत पुलिस ने शहर में फुटपाथ पर सब्जी बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की.

कोटद्वार
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Published : Feb 2, 2019, 11:28 PM IST

कोटद्वार: शहर में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन और नगर निगम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया. जिसके तहत पुलिस ने शहर में फुटपाथ पर सब्जी बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की. पुलिस ने सड़क किनारे सब्जी बेचकर गुजर-बसर करने वालों के सामान को ट्रैक्टर में डालकर जब्त कर लिया. वहीं पुलिस की इस कार्रवाई से छोटे व्यापारी नाखुश नजर आए. छोटे व्यापारियों का कहना था कि पुलिस रसूखदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती, जबकि छोटे व्यापारियों पर अतिक्रमण का डंडा जोरों से चल रहा है.

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बता दें कि नगर आयुक्त अनिल कुमार चनियाल के नेतृत्व में पुलिस टीम और नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया. नजीबाबाद चौराहे से लेकर स्टेशन रोड, गोखले मार्ग पर अचानक चलाए गए इस अभियान से व्यापारी और सब्जी विक्रेताओं में भगदड़ मच गई. इस दौरान नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा फल और सब्जियों को कूड़े के वाहन में डाल दिया गया.

पढ़ें: कफोलस्यूं महोत्सव में संगीता ढौंडियाल के गानों पर जमकर थिरके लोग

मौके पर मौजूद सब्जी विक्रेताओं का कहना था कि प्रशासन का डंडा सिर्फ गरीब और छोटे व्यापारियों पर ही चलता है. सब्जी विक्रेताओं ने कहा कि प्रशासन रसूखदार लोगों पर कार्रवाई करने से संकोच करती है. कई सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि वे हर रोज तीन-चार हजार रुपये की सब्जी लाते हैं और उसी से अपना गुजर-बसर करते हैं. ऐसे में बीना नोटिस के इस तरह की कार्रवाई से उन्हें हजारों का नुकसान झेलना पड़ता है.

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पढ़ें: श्रम विभाग की योजना से 170 श्रमिक हुये लाभान्वित, बांटी सिलाई मशीन

इस मामले पर समाजसेवी मुजीब नैथानी का कहना था कि नगर के अंदर फड़, रेहड़ी लगाना छोटे दुकानदारों का हक है. नगर निगम इन व्यापारियों से तय बाजारी वसूलता है. उन्होंने कहा कि 2017 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद गोखले मार्ग पर 72 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया गया था. जिनको हाई कोर्ट के आदेश पर तत्काल हटाया जाना था. लेकिन कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं की वजह से इस अतिक्रमण को नहीं हटाया जा सका है.

वहीं एसपी कोटद्वार प्रदीप राय ने कहा कि सब्जी विक्रेताओं को पहले भी कई बार गोखले मार्ग पर सब्जी की दुकान लगाने से मना किया गया है और उनको सब्जी मंडी में जगह दी गई है. बावजूद इसके सब्जी विक्रेता गोखले मार्ग पर ही अपनी दुकान लगाते हैं. एसपी प्रदीप राय ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी अतिक्रमण करेगा पुलिस उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

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कोटद्वार: शहर में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन और नगर निगम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया. जिसके तहत पुलिस ने शहर में फुटपाथ पर सब्जी बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की. पुलिस ने सड़क किनारे सब्जी बेचकर गुजर-बसर करने वालों के सामान को ट्रैक्टर में डालकर जब्त कर लिया. वहीं पुलिस की इस कार्रवाई से छोटे व्यापारी नाखुश नजर आए. छोटे व्यापारियों का कहना था कि पुलिस रसूखदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती, जबकि छोटे व्यापारियों पर अतिक्रमण का डंडा जोरों से चल रहा है.

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बता दें कि नगर आयुक्त अनिल कुमार चनियाल के नेतृत्व में पुलिस टीम और नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया. नजीबाबाद चौराहे से लेकर स्टेशन रोड, गोखले मार्ग पर अचानक चलाए गए इस अभियान से व्यापारी और सब्जी विक्रेताओं में भगदड़ मच गई. इस दौरान नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा फल और सब्जियों को कूड़े के वाहन में डाल दिया गया.

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मौके पर मौजूद सब्जी विक्रेताओं का कहना था कि प्रशासन का डंडा सिर्फ गरीब और छोटे व्यापारियों पर ही चलता है. सब्जी विक्रेताओं ने कहा कि प्रशासन रसूखदार लोगों पर कार्रवाई करने से संकोच करती है. कई सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि वे हर रोज तीन-चार हजार रुपये की सब्जी लाते हैं और उसी से अपना गुजर-बसर करते हैं. ऐसे में बीना नोटिस के इस तरह की कार्रवाई से उन्हें हजारों का नुकसान झेलना पड़ता है.

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इस मामले पर समाजसेवी मुजीब नैथानी का कहना था कि नगर के अंदर फड़, रेहड़ी लगाना छोटे दुकानदारों का हक है. नगर निगम इन व्यापारियों से तय बाजारी वसूलता है. उन्होंने कहा कि 2017 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद गोखले मार्ग पर 72 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया गया था. जिनको हाई कोर्ट के आदेश पर तत्काल हटाया जाना था. लेकिन कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं की वजह से इस अतिक्रमण को नहीं हटाया जा सका है.

वहीं एसपी कोटद्वार प्रदीप राय ने कहा कि सब्जी विक्रेताओं को पहले भी कई बार गोखले मार्ग पर सब्जी की दुकान लगाने से मना किया गया है और उनको सब्जी मंडी में जगह दी गई है. बावजूद इसके सब्जी विक्रेता गोखले मार्ग पर ही अपनी दुकान लगाते हैं. एसपी प्रदीप राय ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी अतिक्रमण करेगा पुलिस उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

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Note- Feed send by mojo 1165, feed Name- Black flag byte visual और कुछ वीडियो whatsapp पर भेजे गए हैं। युवक की फ़ोटो भी whatsapp पर भेजी गई है।

रिपोर्ट- धीरज सजवाण
टॉप- देहरादून


क्यों दिखाया देहरादून के सुरेंद्र ने भरी सभा में अमित शाह को काला झंडा।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में चल रहे बीजेपी के त्रिशक्ति कार्यकर्ता सम्मेलन में तब हड़कंप मच गया जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के भाषण के दौरान मंच के बिल्कुल करीब एक युवक काला झंडा उठाकर नारेबाजी करने लगा। जहां एक तरफ पंडाल में बैठे हजारों कार्यकर्ता अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गुरु मंत्र को बड़े चाव से सुन रहा थे तो वहीं अचानक हुई इस घटना से सब सन्न रह गए। आसपास मौजूद पुलिसकर्मियों ने इस युवक को दबोच लिया और जबरन पकड़कर पुलिस इस युवक को अपने साथ ले गई ।  

 मानव अधिकार संगठन और आरटीआई कार्यकर्ता संगठन ने इस विरोध की जिम्मेदारी ली है। मानव अधिकार और आरटीआई कार्यकर्ता संगठन के सचिव भास्कर चुघ ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि यह केंद्र कि मोदी सरकार और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से त्रस्त हो चुके युवा हैं। उन्होंने काले झंडे दिखाने वाली युवक के बारे में बताते हुए कहा कि सुरेंद्र रावत उनके संगठन का गढ़वाल मंडल अध्यक्ष है और वह बीते दिनों लगातार मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों और केंद्र और राज्य सरकार के भ्रष्टाचार से आक्रोशित था जिसकी वजह से आज उसने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संबोधन के दौरान काला झंडा दिखाया। इसके अलावा मानव अधिकार संगठन के सचिव भास्कर चुघ पुलिस पर सुरेंद्र रावत को अगवा करने का आरोप लगाया है। भास्कर चुग ने कहा है कि उन्हें अंदेशा है कि पुलिस उनके साथी कार्यकर्ता सुरेंद्र रावत के साथ कुछ गलत ना कर रही हो। चुघ ने कहा कि अगर सुरेंद्र रावत के साथ कुछ भी गलत हुआ उसका जिम्मेदार उत्तराखंड पुलिस होगी और प्रदेश सरकार होगी।

 बरहाल कार्यक्रम स्थल से अपने शिकंजे में लेने के बाद पुलिस सुरेंद्र रावत को कहां ले गई है इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है जिसको लेकर मानवाधिकार एवं आईटीआई कार्यकता संगठन के कार्यकर्ता परेशान हैं।

बाइट- भाष्कर चुघ, मानव अधिकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता संगठन
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