कोटद्वार: कोरोना महामारी की दूसरी लहर (second wave of corona pandemic) के दौरान गढ़वाल मोटर ऑनर यूनियन (garhwal motor owner union ltd) प्राइवेट लिमिटेड ट्रांसपोर्ट कंपनी की कमर टूट गई है, वर्तमान में कंपनी के बेड़े में 415 बसें थी, जिसमे से 80% मोटर मालिकों ने अपने बसों का परमिट परिवहन विभाग (transport Department) के दफ्तर में सरेंडर कर दिया है.
वर्तमान में कंपनी 20 प्रतिशत बसों से रूटों पर संचालन कर रही है. पिछले दो दिनों में कोटद्वार से 9-9 बसों का ही संचालन किया जा रहा है. कोरोना महामारी में जीएमओयू प्राइवेट लिमिटेड (GMOU Private Limited) की शत प्रतिशत बसें सवारियों के अभाव से खड़ी हो गई हैं, जिसमें से 80 फीसदी मोटर मालिकों ने अपनी बसों के कागजातों को परिवहन विभाग के कार्यालय में सरेंडर कर दिए थे, उसके बाद कंपनी के पास मात्र 20 फीसदी बसें रह गई हैं.
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सरकार द्वारा बसों का संचालन के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन कंपनी के पास बसों की कमी देखने को मिली रही है. जीएमओयू अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने सरकार से अनुरोध किया की दो दिन के लिए परिवहन कार्यालय को खुलवा दें, जिससे मोटर मालिक अपने बसों को रिलीज करवा सके. जिसके बाद परिवहन विभाग के कार्यालय को दो दिन के लिए खोला गया. जीत सिंह पटवाल ने बताया कि 20 फीसदी मोटर मालिको में भी अधिकांश ने सवारी नहीं होने के कारण बसों का संचालन नहीं कर पा रहे हैं.
पिछले दो दिनों में कोटद्वार डिपो से 9-9 बसों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 4 पौड़ी, 4 हरिद्वार और एक रिखणीखाल भेजी गई. वहीं, हरिद्वार से दो गोपेश्वर और एक गौरीकुंड के लिए बसों का संचालन किया जा रहा है. परिवहन विभाग कार्यालय से बसों के रिलीज होने के बाद ही पता चल सकेगा की कितनी बसों को रूटो पर भेजा जा सकेगा. कंपनी का प्रयास है कि प्रत्येक रूट पर एक-एक बस का संचालन किया जा सके. जिससे यात्रियों को सुविधा मिल सके.