श्रीनगर: अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है. जिसके कारण चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं, लाख कोशिशों के बाद भी अभी भी चारधाम यात्रा की तैयारियां नाकाफी हैं. चारधाम यात्रा के दौरान सबसे व्यस्त रहने वाला नेशनल हाईवे 58 अभी भी खतरों से भरा पड़ा है. इस हाइवे पर ऋषिकेश से लेकर श्रीनगर के बीच 12 ऐसे डेंजर प्वॉइंट हैं, जो बरसात के दिनों में कभी भी खतरे का सबब बन सकते हैं.
ऋषिकेश से लेकर श्रीनगर के बीच बने इन 12 डेंजर प्वॉइंटस के कारण कभी भी हाईवे बाधित हो सकता है. जिससे चारधाम यात्रा पर ब्रेक लग सकता है. देवप्रयाग से लेकर श्रीनगर नए पुल तक एनएच 58 पर कई ऐसे लैंडस्लाइड स्पॉट हैं, जो यात्रा के दौरान प्रशासन के लिए भी परेशानी का सबब बने रहते हैं. साथ ही एनएच-58 पर यात्रा के दौरान सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ जाती है. ऐसे में प्रशासन इन क्षेत्रों में एंबुलेंस, हाइड्रोलिक क्रेन, मशीन समेत जेसीबी को राजमार्ग पर तैनात करने की योजना बना रहा है. जिसके लिए ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के निर्माण में लगी कार्यदाई संस्थाओं की बैठक कर उनसे उपकरणों की डिमांड की गई है.
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एसडीएम कीर्तिनगर सोनिया पंत ने बताया यात्राकाल के दौरान किसी तरह की दुर्घटना या लैंडस्लाइड की घटना के दौरान जेसीबी या एंबुलेंस पहुंचाने में काफी समय लग जाता है. ऐसे में तत्काल रेस्क्यू का कार्य नहीं हो पाता है. इस बार इन जगहों पर जेसीबी समेत हाइड्रोलिक क्रेन, मशीन एवं एबुलेंस की राजमार्ग पर तैनाती की जाएगी. जिससे राहत बचाव कार्य समय पर हो सकेगा.
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वहीं, लोक निर्माण विभाग खंड एनएच के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने कहा बरसात के दिनों ऐसी 10 से अधिक जगहें हैं, जहां पहाड़ियों से आने वाले मलबा आने के कारण हाईवे बंद हो जाता है. जिसके लिए भारत सरकार की एजेंसी टीएचडीसी की मदद ली जा रही है. टीएचडीसी इन लैंडस्लाइड जगहों के ट्रीटमेंट का प्लान बना रही है. लोक निर्माण विभाग का कहना है कि बरसात से पहले 10 ऐसी जगहों पर ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाएगा.