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कॉर्बेट के ढेला रेंज में दिखा सफेद अल्बिनो बुलबुल, कॉर्बेट प्रशासन में उत्साह

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला पर्यटन में पहली बार सफेद हिमालयन बुलबुल देखा गया है, जिसको अल्बिनो बुलबुल की कहते हैं.

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Published : Jul 5, 2021, 2:08 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 3:11 PM IST

अल्बिनो मोर
अल्बिनो मोर

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला पर्यटन जोन में पहली बार सफेद हिमालयन बुलबुल दिखाई दिया है, जिससे अल्बिनो बुलबुल भी कहा जाता है. बता दें कि, अल्बिनो बुलबुल के दिखने से कॉर्बेट प्रशासन काफी उत्साहित नजर आ रहा है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है, कॉर्बेट पार्क में बाघों के साथ ही कई प्रकार के वन्यजीवों के साथ ही 600 से ज्यादा प्रकार की पक्षियों की प्रजातियां भी पाई जाती हैं. अल्बिनो बुलबुल के दिखे जाने से कॉर्बेट प्रशासन इसको जैवविविधता के लिए शुभ संकेत मान रहा है.

वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिम्वाल का कहना है कि किसी पक्षी के जीव के जीन (gene) स्ट्रक्चर में अंतर आने से अल्बिनो बुलबुल पैदा होता है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है इस बार कोई अल्बिनो पक्षी पैदा हुआ तो अगली बार भी वही होगा. उन्होंने कहा कि यह लाखों में एक होता है और यह दुर्लभ भी होता है. कलर सिगमेंट नहीं होने की वजह से इसका रंग पूरी तरह सफेद होता है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क के ढेला पर्यटन जोन में एक हिमालय अल्बिनो बुलबुल मिली है. उन्होंने बताया कि इसको जो वहां भ्रमण पर गए थे टूरिस्ट गाइड उन्होंने डाक्यूमेंट्स किया है. उन्होंने कहा कि कॉर्बेट प्रशासन को वो फोटो प्राप्त हुए हैं और उस फोटो के आधार पर और एक्सपर्ट से राय ली जा रही है. उसके बाद इस पर जो आवश्यक कार्रवाई होगी वह की जाएगी. राहुल कुमार ने बताया कि जो यह कलर में अंतर होता है यह जेनेटिक कारणों से भी होता है. कुछ जींस का मैनिपुलेशन होने के कारण ये कलर गायब होते हैं.

पढ़ें:उत्तरकाशी: भारी बारिश से घरों में घुसा पानी, ग्रामीणों ने छतों में ली शरण

निदेशक ने कहा कि इस पर कॉर्बेट प्रशासन द्वारा इस पर स्टडी की जा रही है. साथ ही इसकी सुरक्षा को लेकर भी निगरानी रखी जा रही है.

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला पर्यटन जोन में पहली बार सफेद हिमालयन बुलबुल दिखाई दिया है, जिससे अल्बिनो बुलबुल भी कहा जाता है. बता दें कि, अल्बिनो बुलबुल के दिखने से कॉर्बेट प्रशासन काफी उत्साहित नजर आ रहा है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है, कॉर्बेट पार्क में बाघों के साथ ही कई प्रकार के वन्यजीवों के साथ ही 600 से ज्यादा प्रकार की पक्षियों की प्रजातियां भी पाई जाती हैं. अल्बिनो बुलबुल के दिखे जाने से कॉर्बेट प्रशासन इसको जैवविविधता के लिए शुभ संकेत मान रहा है.

वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिम्वाल का कहना है कि किसी पक्षी के जीव के जीन (gene) स्ट्रक्चर में अंतर आने से अल्बिनो बुलबुल पैदा होता है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है इस बार कोई अल्बिनो पक्षी पैदा हुआ तो अगली बार भी वही होगा. उन्होंने कहा कि यह लाखों में एक होता है और यह दुर्लभ भी होता है. कलर सिगमेंट नहीं होने की वजह से इसका रंग पूरी तरह सफेद होता है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क के ढेला पर्यटन जोन में एक हिमालय अल्बिनो बुलबुल मिली है. उन्होंने बताया कि इसको जो वहां भ्रमण पर गए थे टूरिस्ट गाइड उन्होंने डाक्यूमेंट्स किया है. उन्होंने कहा कि कॉर्बेट प्रशासन को वो फोटो प्राप्त हुए हैं और उस फोटो के आधार पर और एक्सपर्ट से राय ली जा रही है. उसके बाद इस पर जो आवश्यक कार्रवाई होगी वह की जाएगी. राहुल कुमार ने बताया कि जो यह कलर में अंतर होता है यह जेनेटिक कारणों से भी होता है. कुछ जींस का मैनिपुलेशन होने के कारण ये कलर गायब होते हैं.

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निदेशक ने कहा कि इस पर कॉर्बेट प्रशासन द्वारा इस पर स्टडी की जा रही है. साथ ही इसकी सुरक्षा को लेकर भी निगरानी रखी जा रही है.

Last Updated : Jul 5, 2021, 3:11 PM IST
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