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प्रत्याशी कर रहे बड़े-बड़े दावे और यहां पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग - उत्तराखंड समाचार

रामनगर के पीरूमदारा क्षेत्र के लोग इनदिनों पेयजल की समस्या जूझ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद पानी की समस्या जस की तस है. इलाके में कई दिनों तक पानी नहीं आता है. ऐसे में पेयजल की आपूर्ति टैंकर के माध्यम से करते हैं.

रामनगर में पानी की समस्या
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Published : Apr 8, 2019, 12:02 AM IST

रामनगरः पीरूमदारा क्षेत्र में बीते कई सालों से पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है. इनदिनों भी स्थानीय लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. लोग टैंकरों से पानी मंगवाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. वहीं, चुनाव के नजदीक आते ही नेता तमाम दावे कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बस जीत की फिक्र नजर आ रही है.

जानकारी देते स्थानीय लोग.


रामनगर के पीरूमदारा क्षेत्र के लोग इनदिनों पेयजल की समस्या जूझ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद पानी की समस्या जस की तस है. इलाके में कई दिनों तक पानी नहीं आता है. ऐसे में पेयजल की आपूर्ति टैंकर के माध्यम से करते हैं. स्थानीय निवासी बरखा असवाल ने बताया कि लोग अपने जेब से पैसा खर्च कर पानी मंगवा रहे हैं. उनका कहना है कि जल संस्थान से शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

ये भी पढे़ंः अजय भट्ट बोले- अकेले पड़े हरीश रावत, समर्थन में नहीं आया कोई स्टार प्रचारक

वहीं, जल संस्थान की मानें तो पानी की सप्लाई न होने के पीछे मोटर का बार-बार खराब होना है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के दावों की हकीकत भी सामने आ रही है. लोगों का कहना है कि चुनावी मौसम में नेता क्षेत्रों की समस्याओं को खत्म करने की बात कर रहे हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी नेतागण इन समस्याओं का समाधान करने की जहमत नहीं उठाता है. ऐसे में वो खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं.

रामनगरः पीरूमदारा क्षेत्र में बीते कई सालों से पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है. इनदिनों भी स्थानीय लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. लोग टैंकरों से पानी मंगवाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. वहीं, चुनाव के नजदीक आते ही नेता तमाम दावे कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बस जीत की फिक्र नजर आ रही है.

जानकारी देते स्थानीय लोग.


रामनगर के पीरूमदारा क्षेत्र के लोग इनदिनों पेयजल की समस्या जूझ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद पानी की समस्या जस की तस है. इलाके में कई दिनों तक पानी नहीं आता है. ऐसे में पेयजल की आपूर्ति टैंकर के माध्यम से करते हैं. स्थानीय निवासी बरखा असवाल ने बताया कि लोग अपने जेब से पैसा खर्च कर पानी मंगवा रहे हैं. उनका कहना है कि जल संस्थान से शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

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वहीं, जल संस्थान की मानें तो पानी की सप्लाई न होने के पीछे मोटर का बार-बार खराब होना है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के दावों की हकीकत भी सामने आ रही है. लोगों का कहना है कि चुनावी मौसम में नेता क्षेत्रों की समस्याओं को खत्म करने की बात कर रहे हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी नेतागण इन समस्याओं का समाधान करने की जहमत नहीं उठाता है. ऐसे में वो खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं.

Intro:एंकर-रामनगर के अंतर्गत पीरूमदारा क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है।चुनाव के दौरान नेता आते है बिजली,पानी से आदि कई चुनावी वादे करते और फिर पलट कर नही देखते।जनता चुनाव के बाद फिर खुद को ठगी सी महसूल करती है।


Body:वीओ-गौरतलब है कि पानी इंसानी जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है।और यह मनुष्य की मूलभूत सुविधाओं में से एक है।लेकिन पीरूमदारा क्षेत्र के लोग पेयजल की समस्या से काफी वर्षो से जूझते आ रहे है।लेकिन यह समस्या वैसी की वैसी ही लोगो के सामने खड़ी है।यदि स्थानीय लोगो की माने तो नलों में कई कई दिनों तक पानी नही आता है।लोगो को जेब से पैसा खर्च कर पेयजल के लिए पानी का टेंकर भरवा कर मँगवाना पड़ता है।और इस प्रकार की व्यवस्था चलती ही चली आ रही है।लोगो की माने तो इसकी शिकायत जल संस्थान से करने पर पता चलता है कि पानी की सप्लाई न होने के पीछे मोटर का बार बार खराब हो जाना है।अभी भी पिछले कई दिनों से इस क्षेत्र में पानी नही आया है।घरो में लगे पानी के नल सूख चुके है एक भी बूँद पानी की नल से टपके हुए कई दिन गुज़र गये है।ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के दावों की हकीकत भी सामने आ जाती है।चुनावी मौसम में नेता क्षेत्रो की समस्याओं को खत्म करने की बात तो करते है बड़े बड़े दावे भी करते है।परन्तु चुनाव जीतने के बाद कोई भी इन समस्याओं को हल करने के लिए पलट कर भी नही देखते ऐसे में वोटर फिर से नेताओ के हाथों अपने को छला हुआ महसूस करते है।

बाइट-1-सुरेंद्र सिंह रावत(स्थानीय जनता)
बाइट-2-बरखा असवाल(स्थानीय जनता


Conclusion:
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