रामनगर: क्षेत्र के आसपास स्थित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बाघ और गुलदार के आतंक को लेकर ग्रामीण काफी परेशान हैं. आलम ये है कि ग्रामीण और स्कूली बच्चे अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसे में बाघ की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ग्रामीणों ने कॉर्बेट और वन प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया है. इससे पहेल भी ग्रामीण अपनी इस समस्या को लेकर झिरना और ढेला पर्यटन जोन को बंद कर चुके हैं.
बता दें कि कुछ दिन पूर्व रामनगर के ग्राम कारगिल पटरानी निवासी 32 वर्षीय अनीता देवी पर बाघ ने हमला करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद अंकित नाम के युवक पर भी बाघ ने हमला कर उसे घायल कर दिया था. जिसका उपचार अस्पताल में चल रहा है. इसके अलावा बाघ कई मवेशियों को भी अपना निवाला बना चुका है.
ग्रामीणों ने 9 दिसंबर को इस बाघ को पकड़े जाने के साथ ही मृतक महिला के परिजनों को 25 लाख रुपए का मुआवजा और घायल अंकित का विभाग द्वारा उपचार कराने की मांग को लेकर कॉर्बेट नेशनल पार्क के झिरना और ढेला पर्यटन जोन को बंद किया. इसी बीच ग्रामीण और अधिकारियों के बीच काफी नोक झोंक में हुई थी. ग्रामीणों ने मांग पूरी न होने पर 14 दिसंबर को फिर से उक्त जोनों को बंद करने की घोषणा की थी.
धरना प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद तहसीलदार कुलदीप पांडे, सीओ बलजीत सिंह भाकुनी, कोतवाल अरुण कुमार सैनी और डिप्टी डायरेक्टर दीगांत नायक मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे. इसी बीच ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो एक सप्ताह बाद फिर से वह इन गेटों को बंद करेंगे.
ये भी पढ़ें: रामनगर में बाघ का आतंक, ग्रामीणों ने ढेला जोन को बंद करने की दी चेतावनी
डिप्टी डायरेक्टर दीगांत नायक ने बताया कि बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल चुकी है और शीघ्र ही इसे ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू कर लिया जाएगा. वहीं, अन्य मांगों के लिए उन्होंने कहा कि इसके लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा और शीघ्र ही इस संबंध में कोई रास्ता निकाला जाएगा.
ये भी पढ़ें: कई गांवों में दहशत का पर्याय बने बाघों को किया गया ट्रेंकुलाइज, लोगों ने ली राहत की सांस