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रामनगर में ग्रामीणों ने अवैध खनन के खिलाफ खोला मोर्चा, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप - रामनगर ताजा समाचार टुडे

उत्तराखंड में सरकारों पर हमेशा ही अवैध खनन कराने का आरोप लगता रहा है. ताजा मामला नैनीताल जिले के रामनगर का है. यहां ग्रामीणों ने सरकार और संबंधित विभाग पर अवैध खनन का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

Ramnagar
ग्रामीणों ने अवैध खनन के खिलाफ खोला मोर्चा
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Published : Mar 5, 2022, 4:39 PM IST

रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर में ग्रामीणों ने अवैध खनन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि समतलीकरण के नाम पर क्षेत्र में अवैध खनन किया जा रहा है. हालांकि मामला बढ़ने पर पुलिस और प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची.

ग्रामीणों का आरोप है कि रामनगर के बैलपड़ाव क्षेत्र में खेतों का समतलीकरण करने के नाम पर अवैध खनन किया जा रहा है. इसी को लेकर उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और संबंधित विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. ग्रामीणों की मांग है कि अवैध खनन को तत्काल बंद किया जाए.
पढ़ें- हल्द्वानी में वकीलों से मारपीट के आरोप में चार गिरफ्तार, खाना खाने को लेकर हुआ था विवाद

ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार ने खेतों का समतलीकरण करने के नाम पर खनन माफियाओं का खुले आम अवैध खनन करने की अनुमति दी है. जिससे गांव में वाटर लेवल नीचे चला गया है. वहीं इससे फसलों को भी नुकसान हो रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफिया सरकार के इसारे पर 100 फुट से ज्यादा गहरे गड्ढे कर रहे हैं, जिससे वन्यजीवों को खतरा पैदा हो गया है. वहीं कुछ व्यापारियों का कहना है कि अवैध खनन के कारण स्टोन क्रशर स्वामी उनका माल नहीं खरीद रहे हैं. इस कारण उनके आगे भी रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है. अवैध खनन से सरकार को भी लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है.

रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर में ग्रामीणों ने अवैध खनन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि समतलीकरण के नाम पर क्षेत्र में अवैध खनन किया जा रहा है. हालांकि मामला बढ़ने पर पुलिस और प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची.

ग्रामीणों का आरोप है कि रामनगर के बैलपड़ाव क्षेत्र में खेतों का समतलीकरण करने के नाम पर अवैध खनन किया जा रहा है. इसी को लेकर उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और संबंधित विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. ग्रामीणों की मांग है कि अवैध खनन को तत्काल बंद किया जाए.
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ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार ने खेतों का समतलीकरण करने के नाम पर खनन माफियाओं का खुले आम अवैध खनन करने की अनुमति दी है. जिससे गांव में वाटर लेवल नीचे चला गया है. वहीं इससे फसलों को भी नुकसान हो रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफिया सरकार के इसारे पर 100 फुट से ज्यादा गहरे गड्ढे कर रहे हैं, जिससे वन्यजीवों को खतरा पैदा हो गया है. वहीं कुछ व्यापारियों का कहना है कि अवैध खनन के कारण स्टोन क्रशर स्वामी उनका माल नहीं खरीद रहे हैं. इस कारण उनके आगे भी रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है. अवैध खनन से सरकार को भी लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है.

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