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कोटाबाग में आकर्षण का केंद्र बना झूला पुल, ग्रामीणों को आवाजाही में मिली सहूलियत

कालाढूंगी के कोटाबाग में बोर नदी पर एक झूला पुल बनाया गया है. ये पुल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इससे पहले यहां पर पुल न होने की वजह कई लोग जान भी गंवा चुके हैं. अब झूला पुल के बनने के बाद कई गांवों के लोगों को आवाजाही में सहूलियत मिल रही है.

bridge in kaladhungi
कोटाबाग में झूला पुल
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Published : Jun 27, 2022, 10:36 AM IST

कालाढूंगीः कोटाबाग में बोर नदी पर झूला पुल बनने के बाद ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है. पुल की सौगात मिलने के बाद कई गांवों के लोगों को आवाजाही में सहूलियत मिली है. साथ ही अब ग्रामीणों को 7 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी नापनी नहीं पड़ रही है. वहीं, यह झूला पुल इनदिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है.

दरअसल, विकासखंड कोटाबाग के नया पांडे गांव, थपलिया गांजा, जलाल गांव, बजूनियाहल्दू, मूसाबंगर, पतिलया, स्यात, हरिपुर कलियाजाला आदि गांवों में आने जाने के लिए ग्रामीणों को करीब 7 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. लंबी जद्दोजहद के बाद बोर नदी के ऊपर एक झूला पुल का निर्माण किया गया. यहां पर झूला पुल बनने के बाद ग्रामीणों के लिए 7 किलोमीटर के फासले का रास्ता अब मात्र 1 किलोमीटर का हो गया है. पुल के बनने से ग्रामीणों और खासकर छात्रों को काफी राहत मिली है.

ये भी पढ़ेंः सिंगटाली पुल के लिए जगह चयनित, कुमाऊं को गढ़वाल से जोड़ेगा ये ब्रिज

पूर्व प्रधान उमेश तिवारी ने बताया कि बरसात के दिनों में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर बोर नदी पार करते थे. इस दौरान कई जनहानि भी हुई. मवेशियों के साथ कुछ लोग भी बह गए थे. जिसके बाद ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से पुल के निर्माण को लेकर गुहार लगाई. आखिरकार स्थानीय विधायक बंशीधर भगत ने पुल का निर्माण कराया. इस पुल की लंबाई 54 मीटर है और 280.00 लाख की लागत से इसे तैयार किया गया है. वहीं, अब ग्रामीणों ने पुल के दोनों ओर सड़क बनाए जाने की मांग की है.

कालाढूंगीः कोटाबाग में बोर नदी पर झूला पुल बनने के बाद ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है. पुल की सौगात मिलने के बाद कई गांवों के लोगों को आवाजाही में सहूलियत मिली है. साथ ही अब ग्रामीणों को 7 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी नापनी नहीं पड़ रही है. वहीं, यह झूला पुल इनदिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है.

दरअसल, विकासखंड कोटाबाग के नया पांडे गांव, थपलिया गांजा, जलाल गांव, बजूनियाहल्दू, मूसाबंगर, पतिलया, स्यात, हरिपुर कलियाजाला आदि गांवों में आने जाने के लिए ग्रामीणों को करीब 7 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. लंबी जद्दोजहद के बाद बोर नदी के ऊपर एक झूला पुल का निर्माण किया गया. यहां पर झूला पुल बनने के बाद ग्रामीणों के लिए 7 किलोमीटर के फासले का रास्ता अब मात्र 1 किलोमीटर का हो गया है. पुल के बनने से ग्रामीणों और खासकर छात्रों को काफी राहत मिली है.

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पूर्व प्रधान उमेश तिवारी ने बताया कि बरसात के दिनों में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर बोर नदी पार करते थे. इस दौरान कई जनहानि भी हुई. मवेशियों के साथ कुछ लोग भी बह गए थे. जिसके बाद ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से पुल के निर्माण को लेकर गुहार लगाई. आखिरकार स्थानीय विधायक बंशीधर भगत ने पुल का निर्माण कराया. इस पुल की लंबाई 54 मीटर है और 280.00 लाख की लागत से इसे तैयार किया गया है. वहीं, अब ग्रामीणों ने पुल के दोनों ओर सड़क बनाए जाने की मांग की है.

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